भराव क्षेत्र में पाथ-वे के निर्माण से भी सिकुड़ गया आनासागर। लोगों को डूबने से बचाने के लिए हर बार खाली करना पड़ेगा। नसीम अख्तर ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष से मुलाकात की।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अजमेर के आनासागर पर करोड़ो रुपया खर्च किया गया है। इसी के अन्तर्गत आनासागर के भराव क्षेत्र में पाथ-वे का निर्माण भी करवाया गया है। इस निर्माण के लिए लाखों टन मिट्टी आनासागर में डाली गई है। सबसे बुरी बात तो यह है कि जो मिट्टी पानी रोकने के लिए डाली गई है उसे पाथ-वे बनाने के बाद भी नहीं निकाला गया। लाखों टन मिट्टी और 20 फीट चौड़ा पाथ-वे चारों तरफ बनने से आनासागर सिकुड़ गया है। अब थोड़ी सी बरसात में आनासागर लबालब हो जाता है, जिसकी वजह से आनासागर के किनारे बनी कॉलोनियों में पानी भर जाता है। 18 और 19 जून को भी तूफानी बरसात से जब आनासागर भर गया तो लोगों को डूबने से बचाने के लिए चैनल गेट खोले गए, ताकि आनासागर को खाली किया जा सके। पहले भी भराव क्षमता 16 फीट थी, जिसे घटाकर 13 फीट कर दिया गया। अब भराव मता को 13 फीट से भी कम करने का दबाव प्रशासन पर है। असल में गलती तो उन इंजीनियरों और प्रशासनिक अधिकारियों की है, जिन्होंने भराव क्षेत्र में 20 फीट चौड़े पाथ-वे का निर्माण किया, लेकिन इसका खामियाजा अब अजमेर शहर के लोगों को उठाना पड़ रहा है। शहर के प्राकृतिक सौन्दर्य में चार-चांद लगाने वाली आनासागर झील का गला घोंटा जा रहा है। पाथ-वे का निर्माण तब होना चाहिए था जब आनासागर के भराव क्षेत्र में हुए अतिक्रमणों को हटाया जाता। प्रशासन ने अतिक्रमणों को छोड़कर आगे पाथ-वे का निर्माण कर दिया। इससे अतिक्रमणकारियों को तो फायदा हुआ ही है साथही भराव क्षमता भी कम हो गई। गंभीर बात तो यह है कि आनासागर को बचाने के लिए सरकार हाईकोर्ट, एनसीटी सभी आंखें बंद कर बैठे हैं। जिन अधिकारियों ने पाथ-वे का निर्माण करवाया, अब वे अजमेर से जा चुके हैं। मौजूद अधिकारियों के कुछ समझ नहीं आ रहा। अजमेर के जन नेता भी बेमतलब के साबित हो रहे हैं। अजमेर के लिए आनासागर अबह स्थायी समस्या हो गई है। नसीम की मुलाकात : प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष और पुष्कर की पूर्व विधायक नसीम अख्तर ने पिछले दो दिनों में जयपुर में कांग्रेस के नेताओं से मुकाकात की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से मुलाकात कर नसीम ने स्वयं उनके पति इंसाफ अली औ पुत्र अरशद के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज होने पर नारायगी जताई। नसीम ने आरोप लगाया कि यह मुकदमा आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की शह पर दर्ज हुआ है। जिस बीडीओ विजयसिंह चौहान को हटाने की मांग की, उसी ने राठौड़ के दबाव में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। नसीम ने 13 जून की घटना के लिए स्वयं को निर्दोष बताया। नसीम का आरोप रहा कि धर्मेन्द्र राठौड़ अपनी प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध पुलिस में मुकदमें दर्ज करवा रहे हैं। इससे कांग्रेस की छवि खराब हो रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2023)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

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