164 करोड़ रुपए के लोन पर अजमेर डेयरी 100 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाएगी। एनसीडीसी से लोन तो कोई भी ले सकता है। इसमें मोदी सरकार का कोई अहसान नहीं। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही पशुपालकों और किसानों का हितैषी बताया।

केंद्र में मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में 24 जून को अजमेर के भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि अजमेर जिले के पशुपालकों की भलाई के लिए मोदी सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली अजमेर डेयरी को 200 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए हैं। केंद्र के इसी सहयोग से डेयरी परिसर में नया प्लांट लगा है। सांसद चौधरी के इस कथन पर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार ने कोई अनुदान नहीं दिया है। डेयरी ने राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (एनसीडीसी) से 164 करोड़ रुपए का लोन लिया है। इस लोन पर अजमेर डेयरी 100 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में चुकाएगी। एनसीडीसी ने जो लोन दिया है, उसके बाद भी डेयरी ने 98 करोड़ 35 लाख का अपना शेयर दिया है। पचास करोड 53 लाख की सब्सिडी के नया प्लांट 313 करोड़ 11 लाख रुपए में बन कर तैयार हुआ है। जिस 164 करोड़ के लोन पर 100 करोड़ रुपए ब्याज के चुकाने हो, उसमें अहसान की क्या बात है? चौधरी ने बताया कि अभी भी अजमेर डेयरी के सब्सिडी के 6 करोड़ 50 लाख रुपए बकाया है। सांसद चौधरी अपने प्रभाव से बकाया सब्सिडी दिलवाएं। रामचंद्र चौधरी ने कहा कि सांसद चौधरी अपनी और मोदी सरकार की उपलब्धियां तो गिना रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि डेयरी के रेलवे फाटक पर बनने वाला ओवर ब्रिज पिछले दस वर्षों से अधूरा पड़ा है। सांसद चौधरी रेल मंत्री से मिल कर ब्रिज को पूरा क्यों नहीं करवाते? डेयरी अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि सही मायने में पशु पालकों और किसानों के हितैषी तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं। केंद्र सरकार ने क्रेडिट कार्ड पर लोन देने के लिए पशु पालकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। हमने भी पोर्टल पर 36 हजार फार्म भरवाए। लेकिन आज तक एक भी पशु पाको को केंद्र से लोन नहीं मिला है, जबकि सीएम गहलोत ने 60 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक के लोन दिए हैं। इस राशि से किसान वर्ग पशु खरीद रहा है। गहलोत सरकार बिना प्रीमियम के पशुओं का बीमा भी कर रही है। इतना ही नहीं लम्पी रोग से मरी गायों के मालिकों को एक गाय पर चालीस हजार रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है। डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार पशु पालकों को प्रति लीटर दूध पर पांच रुपए अनुदान भी दे रही है। प्रदेश के पशु पालकों ने जो भी मांग रखी उसे मुख्यमंत्री गहलोत ने पूरा किया है। चौधरी ने इस बात पर अफसोस जताया कि केंद्र सरकार डेयरी उत्पादों पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है। प्रदेश के पशु पालकों को दी जा री अन्य सुविधाओं की जानकारी मोबाइल नंबर 9414004111 पर रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-06-2023)
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