आखिर मुख्य सचिव उषा शर्मा का ही कार्यकाल क्यों बड़ा? गहलोत सरकार ने तो निरंजन आर्य और डी.बी. गुप्ता का एक्सटेंशन भी केंद्र की मोदी सरकार से मांगा था। सी.पी. जोशी के जरिए ओम बिरला की भूमिका की चर्चा। उषा शर्मा के पति बी.एन. शर्मा को भी उपकृत कर रखा है गहलोत सरकार ने।
राजस्थान के मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा 30 जून को सेवानिवृत्त होती है इससे पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने उषा शर्मा का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ा दिया यानी उषा शर्मा अब राजस्थान में नई सरकार के गठन तक मुख्य सचिव बनी रहेगी प्रदेश प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उषा शर्मा के एक्सटेंशन पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है यह सही है कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के प्रस्ताव पर ही कार्यकाल बढ़ाती है राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्कालीन मुख्य सचिव निरंजन आर्य और डी.बी. गुप्ता के एक्सटेंशन का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा था लेकिन केंद्र ने आर्य और गुप्ता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया आमतौर पर जब राज्य में विपक्षी दल की सरकार होती है तब मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के कार्यकाल में केंद्र सरकार वृद्धि नहीं करती यह माना जाता है कि मुख्य सचिव और डीजीपी राज्य सरकार के इशारे पर ही कार काम करते हैं जानकारी की माने तो उर्षा शर्मा के एक्सटेंशन में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला की सकारात्मक भूमिका रही है ओम बिरला राजस्थान के कोटा से ही लोकसभा के सांसद हैं और उनका बहुत अच्छा संबंध डॉ. सी.पी. जोशी के साथ है विधानसभा के अध्यक्ष की हैसियत से डॉ. जोशी ने विधायी कार्यों को लेकर जो आयोजन किए उसमें ओम बिरला ने भी भागीदारी निभाई क्योंकि केंद्र सरकार में बिड़ला का अच्छा मान सम्मान है इसलिए वह उषा शर्मा को एक्सटेंशन दिलाने में सफल रहे सब जानते हैं कि उषा शर्मा डॉ सी.पी. जोशी के साले बी.एन. शर्मा की पत्नी है यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उषा शर्मा के पति बी.एन. शर्मा को भी गहलोत सरकार ने राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का चेयरमैन बना कर उपकृत कर रखा है सरकार ने यह नियुक्ति शर्मा को आईएएस से रिटायर होने के बाद दी है गहलोत अधिकांश मुख्य सचिव पर मेहरबान रहे हैं डीबी गुप्ता को सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया तो निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया निरंजन आर्य को गहलोत ने अपना सलाहकार भी बना रखा है कुछ लोगों का कहना है कि उषा शर्मा केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रही थी इसलिए अपने प्रशासनिक संबंधों के कारण केंद्र से एक टेंशन ले पाई है जबकि सब जानते हैं कि विपक्षी दल की सरकार में प्रशासनिक स्तर पर किसी मुख्य सचिव को टेंशन नहीं मिलता।S.P.MITTAL BLOGGER (30-06-2023)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511