कांग्रेस के 85 प्रदेश सचिवों की रुकी सूची को भी जारी नहीं करवा पा रहे रंधावा और डोटासरा। अंगूठों की चोट से जख्मी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो कुर्सी पर पैर लटका कर भी नहीं बैठ सकते। दिल्ली कैसे जाएं? गहलोत विरोधी विधायक भी दिल्ली पहुंचे।

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक बार फिर तीन जुलाई से दिल्ली में है। डोटासरा के साथ प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पिछले एक पखवाड़े में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से कई बार मिल चुके हैं। ये दोनों नेता चाहते हैं कि 85 प्रदेश सचिवों की उस सूची को जारी कर दिया जाए जो पूर्व में प्रदेश स्तर पर जारी हुई थी। लेकिन हाईकमान ने अभी तक भी 85 प्रदेश सचिवों वाली सूची को अनुमति नहीं दी है। अब कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे प्रदेश संगठन में ही बदलाव किया जाएगा। इस बदलाव के कारण ही 85 प्रदेश सचिवों की सूची भी अटक गई है। कांग्रेस हाईकमान देश की ताजा घटनाओं में व्यस्त हो जाता है इसलिए राजस्थान का मामला लटका रहता है। अभी हाईकमान महाराष्ट्र की राजनीति में व्यस्त हो गया है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस हाईकमान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही दबाव डाल सकते हैं। लेकिन इन दिनों सीएम गहलोत अपने दोनों पैर के अंगूठों में चोट लगने की वजह से कुर्सी पर पैर लटका कर नहीं बैठ सकते हैं। तीन जुलाई को पालनहार लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में भी गहलोत को अपने दोनों पैर स्टूल पर रखने पड़े। हालांकि यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के सरकार आवास पर ही हुआ था, लेकिन योजना के लाभार्थी वीडियो कॉन्फ्रेंस से भी जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री ने माना कि डॉक्टरों ने उन्हें सार्वजनिक समारोह में भाग लेने से मना किया है। लेकिन मेरे मन में लोगों के प्रति सेवा की भावना है, इसलिए मैं जख्मी होने के बाद भी समारोह में भाग ले रहा हंू। तीन जुलाई को सीएम ने जिस शारीरिक स्थिति में समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई उससे जाहिर है कि वे कुर्सी पर पैर लटका कर नहीं बैठ सकते। चूंकि राजस्थान में तो सीएम गहलोत को कुर्सी के बाद स्टूल पर पैर रखने की छूट है, लेकिन ऐसी छूट शायद दिल्ली में न मिले। सीएम गहलोत कुर्सी पर पैर लटकाने की स्थिति में कब होंगे यह उन पर ही निर्भर करता है। लेकिन यह सही है कि इन दिनों सीएम गहलोत दिल्ली की लंबी बैठकों में भाग लेने की स्थिति में नहीं है। जानकारों का मानना है कि गहलोत का जब हाईकमान के साथ संवाद होगा तभी राजस्थान पर कोई निर्णय हो सकता है। विगत दिनों सीएम के पैर में चोट लगने की वजह से प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट पर होने वाला निर्णय भी टल गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट की क्या भूमिका होगी यह तभी तय हो सकता है जब राहुल गांधी और सीएम गहलोत के बीच सीधा संवाद हो। पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष या चुनाव संचालन समिति का प्रमुख बनाए जाने की चर्चा है। मौजूदा समय में सरकार और संगठन में पायलट की कोई भूमिका नहीं है। 
विरोधी विधायक दिल्ली में:
दिल्ली में डोटासरा और रंधावा की मौजूदगी को देखते हुए सीएम गहलोत के विरोधी विधायक भी दिल्ली पहुंचने लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 जुलाई को कांग्रेस विधायक और एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा के साथ साथ वरिष्ठ विधायक रामनारायण मीणा भी दिल्ली पहुंचे हैं। गहलोत विरोधी इन विधायकों ने राहुल गांधी से मुलाकात करने का समय मांगा है। हालांकि विधायक मीणा ने खुलकर गहलोत का विरोध नहीं किया, लेकिन उन्होंने गहलोत के मंत्रियों खासकर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-07-2023)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...