जिन तीन मंत्रियों शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को अनुशासनहीनता का नोटिस मिला, उन्हें दिल्ली बैठक में नहीं बुलाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुख पर निर्भर करेगी राजस्थान में कांग्रेस की एकता।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और मंत्रियों की एक बड़ी बैठक 6 जुलाई को दिल्ली में हो रही है। इस बैठक के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर में चोट लगने की वजह से वे दिल्ली में उपस्थित नहीं हुए। जबकि प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बैठक में मौजूद है। बैठक में पायलट को पूरा सम्मान देते हुए राहुल गांधी के निकट ही बैठाया गया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कांग्रेस हाईकमान ने सभी को एकजुट होकर विधानसभा का चुनाव लडऩे की नसीहत दी। खडग़े और राहुल गांधी का कहना रहा कि यदि सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस की सरकार रिपीट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर पार्टी हित में कामना करना चाहिए। यदि कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी तो फिर सभी नेताओं का महत्व भी बना रहेगा। खडग़े और राहुल ने आगामी विधानसभा चुनाव में जहां सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं का भी महत्व माना वहीं सचिन पायलट के सहयोग को भी जरूरी बताया। हालांकि बैठक में पायलट की भूमिका की घोषणा नहीं की गई, लेकिन आने वाले दिनों में माना जा रहा है कि पायलट को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। अब कांग्रेस की एकता सीएम अशोक गहलोत के रुख पर निर्भर करती है। यदि हाईकमान द्वारा घोषित पायलट की भूमिका को गहलोत स्वीकार करते हैं तो चुनाव में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। लेकिन यदि सीएम गहलोत पायलट की भूमिका को स्वीकार नहीं करते हैं तो फिर कांग्रेस में टकराव की स्थिति देखने को मिलेगी। अभी तक दोनों नेताओं ने एकजुटता की ओर पहला कदम भी नहीं बढ़ाया है। 
धारीवाल, जोशी और राठौड़ को नहीं बुलाया:
6 जुलाई की बैठक में राजस्थान कांग्रेस के चालीस से भी ज्यादा नेता उपस्थित हैं। लेकिन इसमें नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ शामिल नहीं है। ये तीनों ही मंत्री राजस्थान में सरकार के कर्ताधर्ता है। इन तीनों को सीएम गहलोत का खास समर्थक माना जाता है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इन तीनों से ही फिहाल दूरी बनाए रखी है। मालूम हो कि इन तीनों नेताओं को गत वर्ष 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की समानांतर बैठक बुलाने का आरोपी माना गया था। इन तीनों को ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नोटिस भी जारी किए गए थे। हालांकि इन तीनों के विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाही नहीं हुई, लेकिन बैठक में न बुलाकर हाईकमान ने इन तीनों के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट की है। 6 जुलाई की बैठक में जो नेता उपस्थित रहे उनमें मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुरारी लाल मीणा, राजेंद्र यादव, खिलाड़ी बैरवा, अशोक चांदना, ममता भूपेश, शकुंतला रावत, लालचंद कटारिया के साथ साथ हरीश चौधरी, रघु शर्मा, जितेंद्र सिंह, रामेश्वर डूडी, गिरिराज मलिंगा, रफीक खान आदि थे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-07-2023)
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