जोगणिया धाम पुष्कर का 16वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। उपासक भंवरलाल जी का आशीर्वाद मिला। सालासर बालाजी मंदिर परिसर में रिटायर्ड आरएएस रामसुख गुर्जर द्वारा लिखित श्री हनुमान वंदना का विमोचन।

तीर्थ गुरु पुष्कर में चुंगी नाके के निकट बनी आवासीय कॉलोनी में स्थित जोगणिया धाम का 16वां स्थापना दिवस 22 जुलाई को धूमधाम से मनाया गया। 51 महिलाओं की कलश यात्रा के साथ धार्मिक अनुष्ठान हुए। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर धाम के उपासक भंवरलाल जी से श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद भी प्राप्त किया। जोगणिया धाम मंदिर परिसर में ही शिव परिवार भी स्थापित है। श्रावण मास में शिवलिंग पर जल अर्पित करने वालों का तांता लगा हुआ है। उपासक भंवरलाल जी ने बताया कि धाम में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ साथ मानव सेवा के कार्य भी हो रहे हैं। धाम के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को राशन सामग्री से लेकर कपड़े तक उपलब्ध करवाए जाते हैं।  जरुरतमंद महिलाओं को आर्थिक मदद भी की जाती है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय समय पर प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जाते हैं। हाल ही में सिलाई प्रशिक्षण शिविर लगाया गया, इस शिविर में प्रशिक्षित पचास महिलाओं को नि:शुल्क सिलाई मशीन भी दी गई। कोरोना काल में भी जरूरतमंद परिवारों को तीन माह तक राशि सामग्री दी गई। प्रभाती देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से भी समाज सेवा के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि उपासक भंवरलाल जी ज्योतिष आचार्य भी हैं। उनकी अधिकांश भविष्य वाणियां सही साबित हुई है। लेकिन भंवर जी ने ज्योतिष को कमाई का जरिया नहीं बनाया। उल्टे धाम की ओर से पंचांग छपवा कर नि:शुल्क बांटे जाते हैं। भंवरलाल जी अजमेर स्थित राजस्व मंडल के सांख्यिकी विभाग के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। अपनी पेंशन की राशि भी सामाजिक कार्यों में खर्च करते हैं। मोबाइल नंबर 9462429453 पर भंवरलाल जी से जोगणिया धाम की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों की जानकारी ली जा सकती है। 
हनुमान वंदना का विमोचन:
22 जुलाई को सालासर बालाजी स्थित मंदिर परिसर में आयोजित एक धार्मिक समारोह में जगद्गुरु स्वामी  रामभद्राचार्य महाराज ने श्री हनुमान वंदना पुस्तक के तीसरे संस्करण का विमोचन किया। यह पुस्तक रिटायर्ड आरएएस रामसुख गुर्जर ने लिखी है। गुर्जर ने बताया कि वे शुरू से ही सालासर बालाजी के भक्त हैं। बालाजी की प्रेरणा से ही हनुमान वंदना लिखी गई। इस पुस्तक में हनुमान जी से जुड़ी सभी आरतियां और पूजा विधान का उल्लेख किया गया है। क्योंकि पुस्तक की मांग लगातार रही इसलिए तीसरा संस्करण उपस्थित करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक से जो राशि प्राप्त होती है उसका आधा हिस्सा सालासर बालाजी स्थित गौशाला में दिया जाता है। शेष पचास प्रतिशत राशि से नई पुस्तकें छपवाई जाती है। उल्लेखनीय है कि रामसुख गुर्जर हाल ही में चित्तौड़ के अतिरिक्त कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मोबाइल नंबर 9414354751 पर पुस्तक मंगाने के लिए रामसुख गुर्जर से संवाद किया जा सकता है। 


S.P.MITTAL BLOGGER (22-07-2023)

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