तो कांग्रेस बर्खास्ती मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा में लाल डायरी का राज खोलने नहीं देगी। हंगामे के बाद गुढ़ा को सदन से बाहर फेंकवाया। मंत्रियों और कांग्रेस के विधायकों ने मुझे पीटा। अब मैं सरकार की पोल खोलूंगा।

24 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में जम कर हंगामा हुआ। यहां तक कि बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को सदन से बाहर फेंक दिया। बाहर निकले गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने मुझे सदन में पीटा। मंत्री शांति धारीवाल ने लात मारी। गुढ़ा ने कहा कि वे लाल डायरी के दस्तावेज सदन में रखना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अनुमति नहीं दी। इसलिए वे अध्यक्ष के आसान तक पहुंचे और लाल डायरी रखने की अनुमति मांगी। वे यह भी जानना चाहते थे कि उन्हें गत 21 जुलाई को बिना कारण बताए बर्खास्त क्यों कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद कांग्रेस के नेताओं ने जो आरोप लगाए उनका जवाब भी विधानसभा में देना चाहता था, लेकिन कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने मुझे बोलने का अवसर नहीं दिया। इतना ही नहीं मेरे हाथ से लाल डायरी भी छीन ली। लेकिन मैं अब चुप बैठने वाला नहीं हंू। मैंने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार को दो दो बार बचाया है और आज मुझे ही सदन में पीटा जा रहा है। गुढ़ा ने कहा कि पूर्व में जब आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स और ईडी की रेड़ हुई थी, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें ही अंदर भिजवाया और डायरी लाने की जिम्मेदारी दी, मैंने अपनी जान जोखिम में डालकर वो डायरी हासिल की। यदि वो डायरी इनकम टैक्स और ईडी के अधिकारियों के पास पहुंच जाती तो अशोक गहलोत को जेल जाना पड़ता। जिस व्यक्ति को मैंने जेल जाने से बचाया आज उसी व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में मुझे अपमानित किया गया है। गुढ़ा ने कहा कि अब मैं चुप रहने वाला नहीं हंू। मुझे सब पता है कि राज्य सभा के चुनावों में निर्दलीय विधायकों के वोट कांग्रेस ने किस प्रकार हासिल किए। विधायकों ने वोट के बदले क्या प्राप्त किया मुझे जानकारी है।  मेरे पास भी सात लाख रुपए का ऑफर आ गया था, लेकिन मैंने इस ऑफर को ठुकरा कर सीएम गहलोत के कहने से कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया। पहले भी और इस बार भी कांग्रेस की लंगड़ी सरकार को मजबूत करने के लिए बसपा के छह विधायकों का समर्थन दिलवाया। 24 जुलाई को जिस प्रकार राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा से बाहर फेंकवाया गया, इससे प्रतीत होता है कि अब गुढ़ा को विधानसभा में बोलने का अवसर नहीं दिया जाएगा। विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी गुढ़ा के आचरण पर भारी एतराज जताया है। हंगामे के बाद ही विधानसभा की कार्यवाही को भी स्थगित करना पड़ा। गुढ़ा ने विधानसभा में जो लाल फाइल उसे मीडिया के सामने भी दिखाया गया। गुढ़ा ने कहा कि यदि विधानसभा के अंदर बोलने नहीं दिया जाता है तो मैं ये सभी दस्तावेज मीडिया के सामने रख दूंगा। गुढ़ा ने कहा कि मेरे परिवार की तीन पीढिय़ों ने महिलाओं की रक्षा के लिए बलिदान दिया है। मैं भी कोई भी बलिदान देने को तैयार हंू। उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई को मंत्री रहते हुए गुढ़ा ने विधानसभा में कहा था कि कांग्रेस सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल रही है। इसी के बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-07-2023)
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