तो कमलनाथ की तरह राजस्थान में अशोक गहलोत भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा करवाएंगे?

तीन माह बाद राजस्थान के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन दोनों राज्यों की सीमा आपस में लंगी है। दोनों राज्य हिंदी भाषी हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस विपक्ष में है जो कांग्रेस की कमान पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथों में है। भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कमलनाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस मध्यप्रदेश में स्वयं को हिन्दुत्व का पक्षधर भी बता रही है। यही वजह है कि कमलनाथ ने अपने गृह जिले छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा भी करवाई है। यह कथा पांच अगस्त से शुरू हुई है। छिंदवाड़ा पहुंचने पर धीरेंद्र शास्त्री का कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ ने जोरदार स्वागत किया। पिता पुत्र ने कहा कि उनकी हनुमा नजी में गहरी आस्था है, इसलिए हनुमान भक्त धीरेंद्र शास्त्री से हनुमान कथा करवाई जा रही है। पिता पुत्र हनुमान कथा श्रद्धाभाव से सुन रहे हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर कमलनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे, क्योंकि उनके नेतृत्व को चुनौती देने वाला अब कोई नहीं बचा है। मध्यप्रदेश में जिस प्रकार कमलनाथ कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए आतुर है, उसेस कहीं ज्यादा आतुरता राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार को रिपीट करवाने में दिखा रहे हैं। इतनी घोषणाएं कर दी है कि सीएम गहलोत को यह भी नहीं होंगी। 19 जिलों की घोषणा और अब क्रियान्विति कर गहलोत ने दिखा दिया है कि सरकार को रिपीट करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गहलोत की कवायद को देखते हुए ही सवाल उठता है कि क्या कमलनाथ की तरह अशोक गहलोत भी अपने गृह जिले जोधपुर में बागेश्वर धाम के धरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा करवाएंगे? सब जानते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के पक्षधर हैं। कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री की हिन्दू राष्ट्रवादी सोच से भी कोई परहेज नहीं किया है, जबकि राजस्थान में गहलोत पर तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि गहलोत के शासन में पीएफआई के समर्थकों को जुलूस आदि की अनुमति मिल जाती है, जबकि हिन्दुओं के धार्मिक आयोजनों के लिए अनुमति नहीं दी जाती। भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति को भी चुनावी मुद्दा  बना रही है। धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा का पक्षधर माना जाता हे, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा करवाकर कमलनाथ ने भाजपा को भी आश्चर्यचकित कर दिया है। कहा जा सकता है कि कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा से छीनी अपने राजनीतिक अखाड़े में खड़ा कर दिया है। धीरेंद्र शास्त्री का बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश में ही है। इसलिए धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायी मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। अब देखना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत ऐसा धार्मिक आयोजन कब करवाते हैं?


S.P.MITTAL BLOGGER (07-08-2023)

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