तो क्या सचिन पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए 24 अगस्त को अजमेर में देव सेना ने गौरव यात्रा निकाली? 24 अगस्त को ही अजमेर के विजयनगर में हुई थी पायलट की सभा।
24 अगस्त को अजमेर के विजयनगर में प्राज्ञ कॉलेज के खेल मैदान पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जन सभा हुई उसमें भीड़ की कोई कमी नहीं थी। पायलट को कांग्रेस की सर्वोच्च वर्किंग कमेटी में शामिल किए जाने के बाद तो समर्थकों में कुछ ज्यादा ही उत्साह देखने को मिला। यही वजह रही कि 24 अगस्त को पायलट की सभा में अजमेर जिले के अधिकांश कांग्रेसी शामिल हुए। सभा का आयोजन मसूदा के कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक की ओर से किया गया। सभा के बाद पारीक के समर्थकों का मानना रहा कि अब विधानसभा में मसूदा से राकेश पारीक ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। पारीक 2020 में पायलट के साथ दिल्ली भी गए तथा बर्खास्तगी के बाद भी पायलट के साथ खड़े रहे। यानी राकेश पारीक सत्ता के लालच में सीएम अशोक गहलोत के साथ नहीं गए। अब पायलट फिर से कांग्रेस की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, तब मसूदा से पारीक को ही टिकट दिलवाएंगे। एक ओर जहां पायलट की सभा को सफल माना गया, वहीं कांग्रेस की राजनीति में यह भी माना जा रहा है कि पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए 24 अगस्त को ही अजमेर शहर में देव सेना की ओर से गौरव यात्रा निकाली गइ्र। यह यात्रा तब निकाली गई, जब अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस पर 23 अगस्त को ही गुर्जर समाज की ओर से एक बड़ी रैली निकाली गई। रैली के आयोजन से जुड़े गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष हरचन्द हाँकला का कहना रहा कि देव सेना के अध्यक्ष मोनू गुर्जर से आग्रह किया गया था कि सचिन पायलट की विजय नगर की सभा को देखते हुए 24 अगस्त की गौरव यात्रा नहीं निकाली जाए, लेकिन मोनू गुर्जर हमारे आग्रह को स्वीकार नहीं किया। वहीं मोनू गुर्जर का कहना रहा कि 24 अगस्त की गौरव यात्रा का प्रोग्राम पहले से ही तय हो गया था, लेकिन गौरव यात्रा में मेहमानों के तौर पर सीएम अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले नेता उपस्थित रहे। गौरव यात्रा में भी गुर्जर समाज के युवाओं ने अपना उत्साह दिखाया। यह गौरव यात्रा भी एक दिन पहले निकाली रैली की तरह ब्याव रोड स्थित उबड़ा का देवड़ा धार्मिक स्थल से शुरू हुई और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वैशाली नगर स्थित भगवान देवनारायण के मंदिर पर समाप्त हुई। गौरव यात्रा में भी करीब चार सौ वाहन और हजारों लोग शामिल हुए। सब जानते हैं कि अजमेर को भी पायलट का गढ़ माना जाता है। पायलट ने अपनी जनसंघर्ष यात्रा भी अजमेर से ही शुरू की थी। पायलट अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। पहली जीत पर तो पायलट केंद्र में मंत्री भी बने। पायलट जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे, तब रघु शर्मा को अपने दम पर ही अजमेर से लोकसभा का उप चुनाव जीतवाया। यह बात अलग है कि रघु शर्मा मंत्री बनने के बाद पायलट का साथ छोड़ दिया। लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में रघु शर्मा को केकड़ी से जीत के लिए पायलट की ही मदद चाहिए। 24 अगस्त को विजय नगर में जो सभा हुई, उस में रघु शर्मा उपस्थित नहीं रहे।
S.P.MITTAL BLOGGER (25-08-2023)
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