अजमेर में कांग्रेसियों के बीच हुई मार कुटाई का वीडियो भाजपा विधायक देवनानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। तंज जो आपस में लड़ रहे हैं वे भाजपा से क्या लड़ेंगे? कांग्रेस में अजमेर उत्तर से सिर्फ एक मुस्लिम दावेदार। मसूदा में लंबी लाइन। आखिर मेयर ब्रज लता हाड़ा चुप क्यो हैं?-निलंबित भाजपा पार्षद शेखावत। रिटायर आईएएस हनुमान सिंह भाटी भाजपाई हुए। पुष्कर से दावेदारी।

23 अगस्त को अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे गए। आवेदन मांगने का स्थान गंज स्थित जनकपुरी समारोह स्थल पर रखा गया। जब दावेदार अपने आवेदन प्रभारी मुकुल गोयल और ब्लॉक अध्यक्षों को जमा करवा रहे थे, तभी शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शिवकुमार बंसल और पार्षद नौरत गुर्जर के समर्थकों के बीच मार कुटाई शुरू हो गई। बाद में इन दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ गंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस की राजनीति में नौरत गुर्जर को आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ तथा शिव कुमार बंसल को वरिष्ठ महेंद्र सिंह रलावता का समर्थक माना जाता है। पूर्व में भी राठौड़ और रलावता के समर्थकों के बीच मारपीट हो चुकी है। तब रलावता के पुत्र और अन्यों के खिलाफ राठौड़ समर्थकों ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस बार रलावता की ओर से बंसल ने मोर्चा संभाला और राठौड़ के समर्थकों से भिड़ गए। असल में अजमेर के अनेक कांग्रेसी नहीं चाहते कि धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर से चुनाव लड़े। लेकिन कुछ समर्थक राठौड़ को अजमेर में स्थापित करना चाहते हैं। हालांकि राठौड़ का अजमेर की राजनीति में कोई योगदान नहीं रहा। राठौड़ ने पूर्व में अलवर के बानसूर से चुनाव लड़ा था। लेकिन पिछले दो वर्ष से राठौड़ अजमेर की राजनीति में सक्रिय हैं। पहले पुष्कर से चुनाव लड़ने का मन बनाया और अब सारा फोकस अजमेर उत्तर पर है। यही वजह है कि गत बार के कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता और उनके समर्थक राठौड़ की दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। आवेदन प्रक्रिया के दौरान कांग्रेसियों में जो मार कुटाई हुई उसका वीडियो उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। देवनानी ने तंज कसा है कि जो आपस में लड़ रहे हैं, वे क्या लड़ेंगे? मालूम हो कि देवनानी लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं और पांचवीं बार भी देवनानी की सशक्त दावेदारी है। टिकट मिलने की उम्मीद के कारण ही देवनानी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। यह बात अलग है कि देवनानी के सामने दावेदारी जताने वाले कई भाजपाई नेता धर्मेन्द्र राठौड़ से मित्रता निभा रहे हैं। यही वजह है कि भाजपा के सभी दावेदार (देवनानी को छोड़कर) राठौड़ के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं करते। ऐसे दावेदार देवनानी का तो विरोध कर रहे हैं, लेकिन राठौड़ के खिलाफ चुप हैं। जबकि देवनानी अकेले ही राठौड़ को चुनौती दे रहे हैं। 
सिर्फ एक मुस्लिम दावेदार:
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में ही सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह भी आती है। दरगाह के एक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। लेकिन 23 अगस्त को कांग्रेस की ओर से चौबीस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी जताई। लेकिन इनमें से मात्र एक हुमायूं खान ही मुस्लिम दावेदार रहे। अजमेर में कांग्रेस के संगठन में कई मुस्लिम पदाधिकारी हैं। लेकिन एक भी पदाधिकारी ने दावेदारी नहीं जताई है। जिन कांग्रेसियों ने टिकट की मांग की है उनमें धर्मेन्द्र राठौड़, महेंद्र सिंह रलावता चेतन पवार गिरधर तेजवानी मोहन चेलानी, हरीश हिंगोरानी, शिव कुमार बंसल, महेश चौहान, ममता चौहान, चेतन प्रकाश सैनी, महेंद्र तंवर, विजय सिंह गहलोत, विनोद रतनु, लोकेश कुमार, रश्मि हिंगोरानी, हुमायूं खान, दिलीप सामतानी, गजेंद्र सिंह राठौड़, धर्मेंद्र शर्मा, राजकुमार, अंकित मोटवानी, ओमप्रकाश मंडावरा व पीयूष सुराणा शामिल है। लेकिन वहीं जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र से अनेक मुस्लिम नेताओं ने दावेदारी जताई है। इनमें पत्रकार नवाब हिदायतुल्ला, मोहम्मद मेहमूद खान, महफूल काठात, खुश नूर बानो, मुबारक अली चीता, वाजीत चीता, निरमा चौहान, सरदारा काठात आदि शामिल हैं। इसी प्रकार मसूदा के मौजूदा विधायक राकेश पारीक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य संग्राम सिंह गुर्जर, अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी, विमल चंद्र रांका, मीनू कंवर राठौड़, कमलादेवी जाट, भूपेंद्र सिंह राठौड़ शामिल हैं।
मेयर चुप क्यों?:
अजमेर नगर निगम में निलंबित भाजपा के पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत ने सवाल उठाया है कि उनके निलंबन पर मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा चुप क्यों हैं? शेखावत ने कहा कि हाड़ा भाजपा की ही मेयर हैं, लेकिन सरकार की निलंबन कार्यवाही का कोई विरोध नहीं किया। उन्हें जिस मामले में निलंबित किया गया, उसकी पूर्व में दो बार जांच हो चुकी थी। दोनों जांच में उन्हें निर्दोष माना गया। लेकिन कुछ अधिकारियों ने अपनी जिद के चलते उन्हें निलंबित करवाया है। शेखावत ने कहा कि मेयर हाड़ा की चुप्पी को वे संगठन के मंच पर रखेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीमती हाड़ा अपने संगठन को महत्व देने के बजाए कांग्रेस सरकार के अधिकारियों के साथ सामंजस्य बैठा रही है। समय आने पर मैं ऐसे कई मामले उजागर करुंगा। उल्लेखनीय है कि अजमेर स्थित इंडोर स्टेडियम परिसर में संचालित तंदूर रेस्टोरेंट को तोड़ने के संबंध में अजमेर के तत्कालीन जिला कलेक्टर अंशदीप और नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश अदालत की ओर से दिए गए हैं। हालांकि दबाव के चलते रेस्टोरेंट के मालिक यशपाल चूंडावत ने अपनी शिकायत ही वापस ले ली है। लेकिन विधि के जानकारों का मानना है कि कोर्ट ने एफआईआर के जो आदेश दिए हैं, उस पर विराम लगाना मुश्किल हैं। कोर्ट यह देखेगी की आखिर जिन अधिकारियों ने नियमों के विरुद्ध काम किया उन्हें क्या सजा मिली है। भले ही पीड़ित व्यक्ति ने अपनी शिकायत वापस ले ली हो। 
भाटी भाजपा में शामिल:
24 अगस्त को जयपुर में रिटायर आईएएस हनुमान सिंह भाटी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाटी अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों से भाटी पुष्कर में सक्रिय हैं। पुष्कर से भाजपा एक और दावेदार रावत महासभा के अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन तकनीक से भाजपा की सदस्यता ले ली है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-08-2023)
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