पाकिस्तान और अफगानिस्तान की हिमायत करने वाले राजनेता अब चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर क्या कहेंगे? जश्न का ऐसा माहौल दीपावली पर भी नहीं होता। जसवंत दारा का शानदार कार्टून।

कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब भारत के कई राजनेताओं और सांसदों ने तालिबान का तहे दिल से इस्तकबाल किया। हमारे देश के फिल्मकार, अभिनेता, बुद्धिजीवी, लेखक पत्रकार आदि पाकिस्तान की हिमायत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कईयों को तो अपने भारत से ज्यादा पाकिस्तान पसंद आता है। यह बात अलग है कि आज अफगानिस्तान कट्टरपंथियों की जकड़ में है तो पाकिस्तान कटोरा लेकर दुनिया के सामने भीख मांग रहा है। ऐसे पड़ोसी देश होने के बाद भी भारत के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर अपना यान उतार दिया। अब इस यान विक्रम लेंडर ने प्रज्ञान रोवर की मदद से फोटो भी भेजना शुरू कर दिया है। भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस उपलब्धि के पीछे केंद्र की मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति भी रही। 2019 में चंद्रयान दो की विफलता के बाद से ही वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया गया। इसी का परिणाम रहा कि वैज्ञानिकों ने चार वर्ष बाद चांद के साउथ पोल पर अपना यान उतार दिया। भारत की इस सफलता पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिमायतियों को भी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है। हिमायती स्वयं देख लें कि उनके पसंदीदा देश किस स्थिति में है और भारत की स्थिति क्या है? भारत अब दुनिया के चौथे नंबर वाला देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका रूस और चीन अपने यान चंद्रमा पर उतार चुके हैं। यह बात अलग है कि चंद्रा के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर यान उतारने वाला भारत पहला देश है। इस स्थान पर लगातार 14 दिनों तक सूर्य की रोशनी रहती है, इसलिए हमारे यान का जीवन भी मात्र 14 दिनों का ही है। अंतरिक्ष की टेक्नोलॉजी में भारत को अभी महारत हासिल करनी है, इसलिए अब सूर्य की ओर आदित्य एल-1 को भेजने जाने की तैयारी हो रही है। गगनयान भी जल्द भेजा जाएगा। हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी है, जिसमें हमारा यान चंद्रमा पर अधिक दिनों तक रह सके तथा दायरा भी बढ़ाए। चंद्रयान तीन चाँद के 10 किलोमीटर के दायरे के फोटो ही भेजेगा, जबकि जापान द्वारा प्रस्तावित यान चंद्रमा पर पहुंचकर सौ किलोमीटर के दायरे के वातावरण की जानकारी देगा। रूस के लूना 25 यान की लैंडिंग यदि सफल हो जाती तो यान एक वर्ष तक चांद पर रहता। हम अब जब चांद पर मनुष्य को भेजने की सोच रहे हैं तब हमें तकनीक को विकसित करना चाहिए। 
जश्न का माहौल:
23 अगस्त को जब चंद्रयान तीन ने सफल लैंडिंग की तो पूरे देश में जश्न का माहौल देखने को मिला।  यह जश्न स्वत:स्पूत था। लोगों ने अपनी मर्जी से सार्वजनिक स्थलों पर खड़े होकर पटाखे जलाए और मिठाइयां बांटी। जब टीवी चैनलों पर लैंडिंग का प्रसारण हो रहा था तो देश भर के बाजार भी सूने हो गए। देश के अधिकांश लोगों ने टीवी के सामने बैठ कर चंद्रयान तीन की लैंडिंग को देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दक्षिण अफ्रीका से ही देश को संबोधित किया। 23 अगस्त की शाम को जो माहौल देखा गया जैसा दीपावली के पर्व पर भी देखने को नहीं मिलता है। 
दारा का कार्टून:
चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सामायिक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (24-08-2023)
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