कैलाश मेघवाल के आरोप के बाद भाजपा में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की स्थिति और मजबूत हुई। अब अंबेडकर से तुलना की जाने लगी है। केजरीवाल को अब कांग्रेस अच्छी लगने लगी है, इसलिए राजस्थान दौरे में कोई हमला नहीं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन भी संभव।
भाजपा के 89 वर्षीय विधायक और राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने विगत दिनों केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कैलाश मेघवाल को उम्मीद थी कि इन आरोपों से अर्जुन राम की स्थिति कमजोर होगी, लेकिन आरोपों के बाद भाजपा में अर्जुन राम मेघवाल की स्थिति और मजबूत हुई है। इसका सबूत 4 सितंबर को रामदेवरा तीर्थ में हुई भाजपा की सभा में देखने को मिला। यह सभा भाजपा की तीसरी परिवर्तन संकल्प यात्रा के शुभारंभ पर रखी गई थी। इसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खास तौर से उपस्थित थे। इस सभा में भाजपा के प्रमुख नेताओं अर्जुनराम मेघवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि बाबा साहब बीआर अंबेडकर के बाद यह पहला अवसर है, जब किसी दलित वर्ग के सांसद को देश का कानून मंत्री बनाया गया है, मालूम हो कि अर्जुनराम मेघवाल को हाल में देश का कानून मंत्री बनाया है। इससे पहले मेघवाल संसदीय कार्य मंत्री का काम देख रहे थे। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मेघवाल की सक्रियता अचानक बढ़ी। भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखने लगे हैं। कैलाश मेघवाल और कांग्रेस की मिली भगत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरोप लगते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जांच की घोषणा भी कर दी। कथित भ्रष्टाचार के आरोप तब के हैं जबकि अर्जुनराम आईएएस की नौकरी में थे। सवाल उठता है कि गहलोत ने पिछले पांच वर्षों में जांच क्यों नहीं करवाई?
कांग्रेस पर हमला नहीं:
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चार सितंबर को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ जयपुर का दौरा किया। केजरीवाल ने छह गारंटियों की घोषणा कर केंद्र की मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। लेकिन कांग्रेस के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। पिछली बार केजरीवाल जब हनुमानगढ़ और जयपुर आए थे, तब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी भ्रष्ट बताया था। केजरीवाल का कहना रहा कि भाजपा की वसुंधरा राजे और कांग्रेस के अशोक गहलोत के बीच पांच पांच साल की सेटिंग है। दोनों ही राजस्थान को लूट रहे हैं। लेकिन जब से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ है, तब से केजरीवाल ने कांग्रेस की आलोचना करना बंद कर दिया है। चार सितंबर के केजरीवाल के रुख से प्रतीत होता है कि भाजपा को हराने के लिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप के बीच समझौता हो जाएगा। पंजाब की सीमा से लगे गंगानगर, हनुमानगढ़ आदि जिलों की कुछ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों का आप पार्टी समर्थन कर सकती है। इसकी एवज में केजरीवाल राजस्थान में गुजरात की तरह अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करेंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (05-09-2023)
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