22 मंत्रियों को विभागों के लिए अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि सीएम और दो डिप्टी सीएम की शपथ के 15 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। केंद्र से विमर्श के बाद होगा विभागों का बंटवारा-डॉ. मीणा। 5 जनवरी से जयपुर में देश भर के डीजी और आईजी की कॉन्फ्रेंस। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने दिल्ली में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात की।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए। भाजपा को बहुमत मिलने पर 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने और दो उप मुख्यमंत्रियों के साथ शपथ ली। 15 दिन बाद 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 22 मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। यानी मुख्यमंत्री की शपथ और मंत्रिमंडल के विस्तार में 15 दिन का अंतराल रहा। मीडिया में कुछ भी खबरें प्रसारित होती रही, लेकिन सीएम ने आराम से मंत्रिमंडल का विस्तार किया। अब जब मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है, जब मंत्रियों को भी अपने विभागों का इंतजार है, लेकिन प्रतीत होता है कि सीएम शर्मा को विभागों के वितरण की भी जल्दबाजी नहीं है। उन पर इस बात का कोई दबाव नहीं है कि दो डिप्टी सीएम और 22 मंत्री बिना विभागों के ही सरकारी वाहनों में घूम रहे हैं। 30 दिसंबर को शपथ लेने के बाद 1 जनवरी को कई मंत्रियों ने अपने कक्ष में कुर्सी भी ग्रहण कर ली। आमतौर पर मंत्री के पहली बार कक्ष में आने पर संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्वागत करते हैं, लेकिन कक्ष में पहली बार आने पर मंत्रियों का स्वागत नहीं हो रहा है, क्योंकि विभाग का प्रभार ही नहीं मिला है। ऐसे में सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने भी असमंजस है कि वह किस मंत्री के पास जाए। मंत्री अपने कक्ष में जाकर बैठ सकते हैं,लेकिन उनके पास कोई काम नहीं है। दो डिप्टी सीएम और 22 मंत्री भले ही ठाले बैठे हों, लेकिन भजनलाल शर्मा सीएम का काम रात दिन कर रहे हैं। सरकार में जब कोई मंत्री नहीं होता है तो काम मुख्यमंत्री को ही करना होता है। चूंकि अभी मंत्रियों को विभाग नहीं दिए गए है, इसलिए सभी विभागों की जिम्मेदारी सीएम शर्मा के पास ही है। यही वजह है कि शर्मा को सभी विभागों का काम देखना पड़ रहा है। सीएम शर्मा इन दिनों 24 में से 18 घंटे काम कर रहे हैं। जयपुर के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण हो या फिर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक।
केंद्र से बात:
एक जनवरी को कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सीएम शर्मा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद डॉॅ. मीणा ने कहा कि सीएम शर्मा केंद्र से बात करेंगे और फिर मंत्रियों को विभाग आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने ईआरसीपी और आरएएस मेंस परीक्षा को लेकर सीएम से बात की है। मैं चाहता हंू कि आरएएस मेंस परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाया जाए। अभी यह परीक्षा 27 व 28 जनवरी को होनी है। मीणा की मुलाकात से जाहिर है कि कैबिनेट मंत्रियों को भी छोटे छोटे कार्यों के लिए सीएम के पास आना पड़ रहा है। जबकि ऐसे कार्य संबंधित विभाग के मंत्री के द्वारा ही निपटाए जा सकते हैं। डॉ. मीणा के कथन से यह भी स्पष्ट होता है कि सीएम शर्मा जब केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श करेंगे तभी मंत्रियों के विभागों का वितरण होगा। सीएम का केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श कब होगा, यह कोई नहीं जानता। इस बीच सीएम शर्मा जयपुर में होने वाली डीजी और आईजी की कॉन्फ्रेंस की तैयारियों में व्यस्त हो गए हैं। यह राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 5 से 7 जनवरी तक जयपुर में होगी। इस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी भाग लेंगे। सीएम शर्मा के नेतृत्व में इस कॉन्फ्रेंस को लेकर बड़ी तैयारियां हो रही है। यह बात अलग है कि 25 मंत्री ठाले बैठे हैं।
देवनानी दिल्ली में:
अजमेर उत्तर क्षेत्र के विधायक और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 2 जनवरी को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। देवनानी की यह मुलाकात शिष्टाचार की रही।
S.P.MITTAL BLOGGER (02-01-2024)
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