16वीं विधानसभा के पहले ही प्रश्नकाल में अध्यक्ष देवनानी को सरकार के मंत्रियों को चेतावनी देनी पड़ी। नाथी का बाड़ा और सीकर के कलाम कोचिंग की भी गूंज। पेपर लीक के मामलों को लेकर हंगामा।

16वीं विधानसभा का पहला प्रश्नकाल 23 जनवरी को हंगामेदार रहा। हंगामे के दौरान जब मंत्रियों ने खड़े होकर विपक्ष के विधायकों का विरोध करना चाहा तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सरकार के मंत्रियों को चेतावनी देनी पड़ी। देवनानी ने कहा कि मंत्रियों को बिना अनुमति के नहीं बोलना चाहिए। मंत्री तभी बोले जब मेरे द्वारा कहा जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अपनी मर्यादा में रहने की जरूरत है। प्रश्न काल के अंत में देवनानी ने अधिकारियों के रवैये को लेकर भी नाराजगी प्रकट की। असल में देवरानी ने खड़े होकर जब प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा की तो सदन में बैठे कई अधिकारी बाहर जाने लगे। इस पर देवनानी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब तक मैं अनुमति न दूं तब तक कोई अधिकारी सदन से बाहर न जाए। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों ने अपना रवैया नहीं सुधारा तो उन्हें मुख्यमंत्री से कहना पड़ेगा। 23 जनवरी को देवनानी ने मंत्रियों और अधिकारियों को लेकर जो तेवर दिखाए उससे प्रतीत होता है कि देवनानी सरकार के प्रति भी सख्त है। प्रश्नकाल के दौरान जब विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया तो देवनानी ने स्पष्ट कहा कि यदि सदन अनियंत्रित रहता है तो वे हंगामा करने वाले सदस्यों को निलंबित कर देंगे। उन्होंने कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल का नाम लेकर चेतावनी दी। असल में कांग्रेस शासन में हुए पेपर लीक के मामलों की जांच को लेकर आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल ने सवाल उठाया था। बेनीवाल का कहना रहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी, तब पेपर लीक के मामलों की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रही थी। लेकिन अब जब भाजपा सरकार में है तो सीबीआई जांच से बच रही है। इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी की जांच के बाद भी सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया जाएगा। इसी बीच कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने जानना चाहा कि मंत्री की ओर से पेपर लीक के जो मामले बताए गए हैं उसमें पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय के कितने मामले हैं, इस पर सदन में हंगामा हो गया। सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने कहा कि नाथी के बाड़े वाले लोगों को पेपर लीक पर सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही नाथी के बाड़े की गूंज होने लगी। मंत्री खींवसर ने कहा कि प्राथमिक जांच में सीकर स्थित कलाम कोचिंग सेंटर का नाम भी सामने आया है। खींवसर के इस कथन पर भी विपक्ष सदस्यों ने हंगामा किया। एक सवाल के जवाब में मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस शासन में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को स्मार्ट फोन देने की घोषणा की गई थी, लेकिन सिर्फ 24 लाख महिलाओं को ही फोन दिए गए। राठौड़ ने कहा कि अब हमारी सरकार स्मार्ट योजना का परीक्षण करवा रही है। परीक्षण के बाद ही शेष महिलाओं को स्मार्ट फोन देने का निर्णय होगा। प्रश्न काल के दौरान कई बार मंत्रियों ने सवालों के जवाब सही प्रकार से नहीं दिए। जो सवाल पूछे गए उनके जवाब न देकर दूसरे सवालों के जवाब दिए गए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मंत्रीगण तैयारी करके नहीं आए हैं, इसलिए सदन में गलत जवाब दिए जा रहे हैं। इस पर अध्यक्ष देवनानी का कहना रहा कि मंत्रियों से जवाब दिलवाने की जिम्मेदारी उनकी है। सदन में जो सवाल रखे जाएंगे उन सभी के जवाब दिए जाएंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-01-2024)
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