राहुल गांधी को वायनाड में हराने का प्रयास करने वाले वामदल भी दिल्ली रैली में शामिल हुए। केजरीवाल ने जिन नेताओं को घोर भ्रष्टाचारी कहा, उन सबने मिल कर केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया।

31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी दलों की लोकतंत्र बचाओ रैली हुई। इस रैली में लालू प्रसाद से लेकर राहुल गांधी तक शामिल हुए। रैली में वामदलों के वो नेता भी आए जो इन दिनों वायनाड (केरल) संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार को हराने का काम कर रहे है। केरल में राहुल गांधी सहित कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराने में वामदल कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। लेकिन फिर भी रैली में राहुल गांधी और वामदलों के नेताओं ने हाथ ऊंचे कर एकजुट होने का प्रदर्शन किया। रैली में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के नेता भी शामिल हुए, जबकि टीएमसी अपने प्रभाव वाले पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक सीट भी नहीं दी है। मजे की बात तो यह है कि लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता और बंगाल से कांग्रेस के उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी और भाजपा के नेता मिले हुए है। यानी जो पार्टी भाजपा से मिली हुई है उसके नेता दिल्ली की रैली में राहुल गांधी के साथ खड़े है। जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भले ही कांग्रेस के साथ समझौता न किया हो, लेकिन फिर भी उनके नेता दिल्ली में मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 80 में से मात्र 17 सीटें दी है, लेकिन फिर भी सपा के नेता भी दिल्ली रैली में नजर आए। सब जानते हैं कि इंडिया एलायंस को भाजपा के खिलाफ बनाया गया था। ताकि भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जा सके। यह एलायंस अपने उद्देश्य में पूरी तरह विफल रहा। लेकिन फिर भी 31 मार्च को दिल्ली में विपक्ष ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की।
केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट:
31 मार्च की रैली में वो सभी नेता नजर आए जिन्हें 12 वर्ष पहले अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचारी बताया था। कांग्रेस की सोनिया गांधी को तो जेल भेजने की बात कही थी। तब केजरीवाल समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे। केजरीवाल ने लालू प्रसाद यादव से लेकर डीएमके के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। लेकिन 31 मार्च को दिल्ली की रैली में इन सभी नेताओं ने केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया। केजरीवाल शराब घोटाले में ईडी की कस्टडी में है। लेकिन विपक्ष के नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में विपक्ष को कुचलने के लिए केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। नेताओं ने कहा कि केजरीवाल तो कट्टर ईमानदार है। 12 वर्ष पहले जिन नेताओं को केजरीवाल ने भ्रष्टाचारी कहा, उन्होंने ही केजरीवाल को ईमानदार बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्षी दलों की इस रैली का देश के मतदाताओं पर कितना असर होगा, इसका पता चार जून को परिणाम आने पर चलेगा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (31-03-2024)

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