बार बार पर्यटकों के आंकड़े बताने से कश्मीर में आतंकवादी भड़क जाते हैं, इसलिए अब पर्यटकें की भी हत्या होने लगी है पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का यह बयान कितना उचित। कश्मीर में मतदान के लिए लंबी कतारें।

20 मई को कश्मीर में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की संख्या बार बार बताने से आतंकवादी भड़क जाते हैँ, इसलिए अब कश्मीर में पर्यटकों की हत्या भी होने लगी है। उमर अब्दुल्ला बारामूला से नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार है और बारामूला संसदीय क्षेत्र में 20 मई को ही मतदान हुआ। खुद उमर अब्दुल्ला ने देखा कि मतदान के दौरान मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुई थी। जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह पहला अवसर रहा, जब मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें देखी गई। इससे प्रतीत होता है कि आम कश्मीरी शांति चाहता है, लेकिन वही उमर अब्दुल्ला जैसे नेता कश्मीर में आतंकवादियों का डर बनाए रखना चाहते हैं। अच्छा होता कि उमर अब्दुल्ला कश्मीर के बदलते हुए माहौल की प्रशंसा करते, लेकिन उन्होंने अपनी आदत के अनुरूप आतंकवादियों की हौसला अफजाई करने वाला बयान दिया। उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारुख अब्दुल्ला भी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां  नहीं के बराबर है। पूर्व में जहां सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके जाते थे, वहां अब पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल रही है। एक अनुमान के अनुसार दो करोड़ पर्यटक कश्मीर पहुंचे हैं। पर्यटको की आवक से कश्मीर के लोगों को रोजगार भी मिला है। यही वजह है कि अब स्थानीय लोगों का आतंकवादियों को संरक्षण नहीं मिलता है। कश्मीरियों के यह समझ में आ गया है कि शांति रहने से ही खुशहाली होगी, लेकिन उमर अब्दुल्ला जैसे राजनेता नहीं चाहते कि जम्मू कश्मीर में शांति हो। कश्मीर के मतदाताओं के वोट से उमर अब्दुल्ला जैसे राजनेता सांसद और मुख्यमंत्री तो बन जाते हैं, लेकिन वक्त आने पर आतंकवादियों के साथ खड़े होते हैं। अब्दुल्ला परिवार के किसी भी सदस्य ने आतंकवादियों के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। पिता पत्र जब भी कोई बात कहते हैं तो उससे आतंकवादियों को ही बल मिलता है। सवाल उठता है कि जब कश्मीर में अमन-चैन हो रहा है, तब पर्यटकों के आंकड़े बार बार क्यों न बताए जाएं? पर्यटकों के आंकड़े सरकारी स्तर पर इसलिए बताए जाते हैं कि आतंकवादी गतिविधियां कमजोर हो। अब जो गतिविधियां हो रही है उसके पीछे पाकिस्तान में रह रहे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन है। 18 मई को भी जयपुर के दो पर्यटकों पर गोली चलाने की जो घटना हुई उसकी जिम्मेदारी भी पाकिस्तानी समर्थक आतंकवादी संगठन टीआरएफ ने ली है। अच्छा होता कि उमर अब्दुल्ला आतंकी संगठन टीआरएफ की निंदा करते।

S.P.MITTAL BLOGGER (20-05-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...