85 वर्षीय राजेंद्र दनगसिया ने जाग्रत अवस्था में सल्लेखना व्रत धारण कर मोक्ष प्राप्त किया। जैन मुनि संयम सागर महाराज के सानिध्य में जबलपुर में हुआ चमत्कार। पिछले 30 वर्षों से मुनि जैसी साधना का जीवन। अजमेर में 8 जून को होगी श्रद्धांजलि सभा।
अजमेर के प्रमुख समाजसेवी अजय कुमार दनगसिया के 85 वर्षीय पिता राजेंद्र कुमार दनगसिया ने गत 29 मई को जबलपुर में जाग्रत अवस्था में सल्लेखना व्रत के दौरान मोक्ष की प्राप्ति की। दिवंगत राजेंद्र कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए 8 जून को दोपहर 3 बजे सिविल लाइन स्थित राज भवन में सभा रखी गई है। अजय दनगसिया ने बताया कि जबलपुर में जैन आचार्य संयम सागर महाराज के सानिध्य में उनके पिता ने सल्लेखना व्रत धारण किया। व्रत शुरू करने के चौथे दिन उनके पिता ने मोक्ष की प्राप्ति की। ऐसा लाखों में एक बार होता है, जब कोई जैन अनुयायी जाग्रत अवस्था में सल्लेखना व्रत का संकल्प ले और फिर देह परिवर्तन कर मोक्ष की प्राप्ति करे। उनके परिवार के लिए यह गर्व की बात है कि आचार्य संयम सागर महाराज की उपस्थिति में उनके पिता को मोक्ष मिला। उन्होंने बताया कि उनके पिता पिछले तीस वर्षों से जैन मुनि जैसी साधना ही कर रहे थे। पिता का अधिकांश समय जैन आचार्य विद्यासागर महाराज के सानिध्य में ही व्यतीत हुआ। आहार के रूप में नाममात्र का दलिया और दूध ले रहे थे। सकल दिगम्बर जैन समाज अजमेर, श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर सहित अनेक संस्थाओं ने राजेंद्र कुमार दनगसिया के मोक्ष प्राप्ति पर अपनी श्रद्धांजलि दी है। राजेंद्र कुमार के मोक्ष प्राप्ति पर मोबाइल नंबर 9414002911 पर उनके पुत्र अजय कुमार दनगसिया को अपनी भावनाओं से अवगत कराया जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-06-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511