राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने ग्राम पंचायतों का पैसा बीडीओ के पास भेजा।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने ग्राम पंचायतों का पैसा बीडीओ के पास भेजा।
क्या यह केन्द्र सरकार के द्वारा दिए गए धन का दुरुपयोग है?
20 हजार करोड़ का है मामला।
प्रदेशभर के सरपंचों में नाराजगी। 

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राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की सरकार ने नियम कायदे तोड़ते हुए इस बार ग्राम पंचायतों का पैसा पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों के पास भिजवा दिया है। राज्य सरकार की इस कार्यवाही से प्रदेश भर के सरपंचों में नाराजगी है। गंभीर बात यह है कि ऐसी राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त होती है। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में ग्राम पंचायत जो राशि खर्च करती है उसे केन्द्र सरकार राज्य सरकार के खाते में जमा करवाती है और फिर केन्द्र सरकार के नियमों के तहत ही संबंधित राशि को सीधे ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवाया जाता है। इस नियम का सख्ती से पालन होता है, लेकिन इस बार अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने केन्द्र से प्राप्त राशि को ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवाने के बजाए बीडीओ के पास भिजवा दिया। अपनी अपनी ग्राम पंचायत की राशि लेने के लिए सरपंच पंचायत समिति के बीडीओ के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों की माने तो सरकार के उच्चाधिकारियों ने बीडीओ को मौखिक निर्देश दिए हैं कि मात्र 25 प्रतिशत राशि ही ग्राम पंचायत को दी जाए। आरोप है कि राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों की राशि का उपयोग अन्य कामों में कर लिया है, इसलिए ग्राम पंचायतों के खातों में राशि जमा नहीं करवाई गई है। एक तरह से केन्द्र के करोड़ों रुपए का दुुरुपयोग है। सूत्रों के अनुसार इन दिनों राजस्थान सरकार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। यहां तक कई सरकारी विभागों के कार्मिकों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है। सरकारी खर्चों के समायोजन के लिए केन्द्र सरकार के पैसों का उपयोग अन्य कामों में किया जा रहा है।
20 हजार करोड़ का है मामला:
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब तक केन्द्र सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए दो बार राशि का आवंटन किया है। इन दोनों बार की राशि को राज्य सरकार ने विकास अधिकारियों के पास भिजवा दिया है। राज्य सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार  4 नवम्बर को दो सौ नवसी करोड़ छप्पन लाख बाईस हजार  तथा 11 नवम्बर को अ_ारह सौ चालीस करोड़ पचास लाख पचास हजार की राशि पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को भेजी गई है। जबकि अब तक यह राशि राज्य सरकार की ओर से सीधे ग्राम पंचायतों के खातों में जमा करवाई जाती थी। यह जांच का विषय है कि जो 20 हजार करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार के पास आई उसमें से कितनी राशि ग्राम पंचायतों को दी गई है। जानकारों की माने तो मात्र 25 प्रतिशत राशि ही दी जा रही है। राज्य सरकार के ऐसे आदेश मेरे फेसबुक पेज पर  www.facebook.com/SPMittalblog  देखे जा सकते हैं।
अजमेर की जिला प्रमुख वंदना ने निंदा की:
ग्राम पंचायतों का पैसा बीडीओ के पास भेजने की अजमेर जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने निंदा की है। नोगिया ने कहा कि इससे ग्राम पंचायतों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करने के लिए ही नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने सीधे ग्राम पंचायत को राशि देने का फैसला किया था, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ने ग्राम पंचायतों के पैसों का दुरुपयोग किया है। वंदना ने सवाल उठाया कि ग्राम पंचायतों का पैसा आखिर बीडीओ के पास क्यों भेजा गया है? उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। नोगिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चाहिए कि जो पैसा केन्द्र सरकार से प्राप्त हुआ है उसे तुरंत प्रभाव से ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवाया जाए। राज्य सरकार का यह कृत्य अमानत में ख्यानत करने वाला है। जिस पैसे पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार अपनी आर्थिक विफलताओं को छिपाने के लिए केन्द्र सरकार के पैसों का उपयोग कर रही है।
एस.पी.मित्तल) (23-12-19)
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