सफाई ठेकेदार से पार्षदों द्वारा प्रतिमाह नोटों से भरा लिफाफे लेने का मुद्दा अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में दूसरे दिन भी छाया रहा।

सफाई ठेकेदार से पार्षदों द्वारा प्रतिमाह नोटों से भरा लिफाफे लेने का मुद्दा अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में दूसरे दिन भी छाया रहा।
आरोप लगाने वाले पार्षद चन्द्रेश सांखला को फिर निष्कासित किया।
मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और आयुक्त चिन्मयी गोपाल के बीच तल्खी कम हुई। 

==============

11 फरवरी को भी अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में पार्षदों द्वारा सफाई ठेकेदार से प्रतिमाह 18 हजार रुपए का लिफाफा लेने का मामला दूसरे दिन भी छाया रहा। हालांकि 10 फरवरी को निगम का वार्षिक बजट वाला प्रस्ताव स्वीकृत हो गया था, लेकिन अन्य प्रस्तावों को लेकर 12 फरवरी को भी लगातार दूसरे दिन निगम की साधारण सभा हुई। सभा की कार्यवाही के दौरान ही भाजपा के पार्षद नीरज जैन ने खड़े होकर कहा कि उन्होंने आज तक भी सफाई ठेकेदार से कोई लिफाफा नहीं लिया है, यह बात वे गारंटी के साथ कह सकते हैं। जैन के इस कथन के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। कुछ पार्षदों का कहना रहा कि नीरज जैन के बयान से प्रतीत होता है कि अन्य पार्षद सफाई ठेकेदार से लिफाफा लेते हैं। पार्षदों के आरोप प्रत्यारोप के बीच ही मेयर धर्मेन्द्र गहलोत आसन से खड़े हुए और कहा कि जिस पार्षद चन्द्रेश सांखला ने आरोप लगाया है वह अपनी सीट पर बैठ कर मुस्कुरा रहा है, जबकि पार्षद आपस में उलझ रहे हैं। मेयर ने कहा कि सांखला ने बेवजह का आरोप लगाकर सभी पार्षदों की छवि खराब की है। इसके साथ ही मेयर ने सांखला के निष्कासन की घोषणा की। इसके बाद सांखला को सदन से बाहर जाना पड़ा। असल में सांखला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ज्ञापन भेज कर नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। इसी ज्ञापन में आरोप लगाया गया था कि मेयर गहलोत के माध्यम से सफाई ठेकेदार द्वारा अधिकांश पार्षदों को 18 हजार रुपए प्रतिमाह का लिफाफा दिया जाता है। मेयर गहलोत ने दस फरवरी की साधारण सभा में भी सांखला के निष्कासन की घोषणा की थी। इस मुद्दे को लेकर दस फरवरी को भी साधारण सभा में हंगामा हुआ। मेयर ने 11 फरवरी की सभा में स्वास्थ अधिकारी को निर्देश दिए किए पार्षद सांखला के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया जाए। मेयर ने कहा कि पार्षद सांखला अपने वार्ड के सफाई कर्मचारी से राशि मांगता है इस बात की पुष्टि जांच में हो चुकी है, इसलिए अब पुलिस में रिपोर्ट करवाई जा रही है। वहीं पार्षद सांखला ने 11 फरवरी की कार्यवाही को द्वेषतापूर्ण बताया है। सांखला ने कहा कि उन्होंने नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत की है, इसलिए मेयर गहलोत व्यक्ति गत नाराजगी रखते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार मिटाने का उनका अभियान जारी रहेगा।
मेयर और आयुक्त में तल्खी कम हुई:
कांगे्रस और भाजपा के पार्षद लिफाफा लेने के मुद्दे पर भले ही आपस में उलझते रहे हो, लेकिन  साधारण सभा में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल के बीच तल्खी नहीं देखी गई। असल में पिछले एक वर्ष से दोनों के बीच संवाद ही नहीं हो रहा था। मेयर गहलोत ने आयुक्त के काम काज को लेकर कई बार आपत्ति दर्ज करवाई। हालांकि आयुक्त ने कहा कि वे नियमों के अनुरूप काम कर रही हैं। दो दिन की साधारण सभा में ऐसे कई अवसर आए जब मेयर और आयुक्त को ठहाके लगाते देखा गया।
(एस.पी.मित्तल) (11-02-2020)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-95097 07595
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...