भंवर सिंह भाटी के उच्च शिक्षा विभाग में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग की फुल चली। सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 30 विधायकों की डिजायर धरी रह गई। क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक मंत्री को खुश करने के लिए 30 विधायकों को नाराज कर रहे हैं? सुभाषा गर्ग के दखल के कारण ही कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने दस के स्थान पर 60 शिक्षक प्रति नियुक्ति पर हैं।

राजस्थान में उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री तो भंवर सिंह भाटी हैं, लेकिन विभाग में तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री सुभाष गर्ग की फुल चल रही है। भंवर सिंह भाटी ने 31 दिसम्बर को प्रदेश के 140 कॉलेज शिक्षकों की जो तबादला सूची जारी करवाई उस पर पहले तो सीएमओ ने रोक लगाई और फिर 4 जनवरी की आधी रात को संशोधित सूची जारी की। इस सूची में सुभाष गर्ग के दिशा निर्देशों का पालन किया गया। यही वजह रही कि सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेता के साथ साथ कोई 30 कांग्रेसी विधायकों की सिफारिश धरी रह गई। सचिन पायलट ने सिर्फ एक कॉलेज शिक्षक रामस्वरूप मीणा की सिफारिश की थी। लेकिन सुभाष गर्ग ने इस एक मात्र सिफारिश को भी रद्दी की टोकरी में फेंकवा दिया। पायलट के निजी सचिव निरंजन सिंह ने उच्च शिक्षा विभाग में एक पत्र लिखकर रामस्वरूप मीणा को डूंगरपुर से टोंक के कॉलेज में नियुक्त करने का आग्रह किया था। टोंक पायलट का निर्वाचन क्षेत्र हैं। मीणा भूगोल विषय के शिक्षक हैं और टोंक में यह पद खाली है। लेकिन पायलट की इस एक मात्र सिफारिश को भी नहीं माना गया। मीणा अभी भी डूंगरपुर के कॉलेज में ही नियुक्त है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सचिन पायलट और सीएमओ में कितनी कटूता है। ऐसी ही सिफारिशें कांग्रेस के विधायकों ने भी की थी। विधायकों की सिफारिशों के आधार पर ही उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 140 शिक्षकों के तबादले किए थे। लेकिन सुभाष गर्ग ने भाटी वाली सूची पर रोक लगवाई और फिर अपने दिशा निर्देशों के अनुरूप संशोधित सूची भी जारी करवाई। भाटी की सूची में जिन शिक्षकों के नाम थे उन्हें उनके घरों से और दूर भेज दिया गया। असल में कॉलेज शिक्षकों के बीच राजस्थान यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर एसोसिएशन (रुक्टा राष्ट्रीय) का प्रभाव है। सुभाष गर्ग अब रुक्टा राष्ट्रीय को समाप्त करना चाहते हैं, इसलिए रुक्टा राष्ट्रीय से जुड़े शिक्षकों को उनके घरों से एक हजार किलोमीटर दूर तक भेजा जा रहा है। सुभाष गर्ग की इस रणनीति के आगे कांग्रेस के विधायकों की भी नहीं चल रही है। सुभाष गर्ग के समर्थकों का कहना है कि रुक्टा राष्ट्रीय से जुड़े अधिकांश शिक्षक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचार धारा के हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों ने जो सिफारिश की उसका मकसद अपने क्षेत्र के कॉलेजों में रिक्त पड़े पदो को भरना था। चूंकि संशोधित सूची द्वेष भावना से निकाली गई, इसलिए कई कॉलेजों में संबंधित विषय के पद रिक्त ही रह गए हैं। इस सूची में जिस कॉलेज में पद खाली नहीं है, उसमें भी शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। अब ऐसे शिक्षक कॉलेज में जाकर क्या करेंगे यह सुभाष गर्ग ही बता सकते हैं। सुभाष गर्ग के दखल का नतीजा ही है कि जयपुर स्थित कॉलेज शिक्षा निदेशालय में 60 शिक्षक प्रति नियुक्ति पर है, जबकि निदेशालय ने मात्र 10 शिक्षकों की जरुरत है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार बार कहते हैं कि उनकी सरकार द्वेषता से कोई काम नहीं करती है। लेकिन सीएम गहलोत यदि 4 जनवरी को आधी रात को घोषित कॉलेज शिक्षकों की संशोधित तबदला सूची हैं, तो पता चल जाएगा की सारे तबादले द्वेषता से ही किए गए हैं। इस द्वेषता से सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थियों को ही होगा। रुक्टा राष्ट्रीय राष्ट्रीय के महासचिव नारायण लाल गुप्ता का कहना है कि सरकार जो भी आदेश देगी उसका पालन किया जाएगा। लेकिन किसी संस्था से जुड़े होने की वजह से द्वेषतापूर्ण कार्यवाही करना उचित नहीं है।

द्वेषतापूर्ण सूची के उदाहरण:

जैसलमेर निवासी कॉलेज शिक्षक लक्ष्मीनाराण नागौरी सरदार शहर में नियुक्त थे,जिन्हें 31 दिसम्बर की सूची में बाड़मेर के कॉलेज में नियुक्त किया गया था। लेकिन 4 जनवरी की संशोधित सूची में नागौरी को बिच्छीवाड़ा कॉलेज में लगाया गया है। इसी प्रकार गीताराम शर्मा को बांसवाड़ा से झालावाड़ लगाया गया था, लेकिन अब डूंगरपुर में नियुक्ति की दी गई है। शर्मा कोटा के रहने वाले हैं। जयपुर निवासी कमल कुमार मिश्रा को तारानगर से शाहपुरा लगाया गया था, लेकिन संशोधित सूची में हनुमानगढ़ में नियुक्ति दी गई है। ब्यावर निवासी चन्द्रेश पारीक को कुशलगढ़ से भीम लगाया गया था, लेकिन अब डूंगरपुर में नियुक्ति दी गई है। धौलपुर निवासी शोहराब शर्मा को शिव से सेपऊ लगाया गया था,लेकिन अब बाप कॉलेज में नियुक्ति दी गई है। अलवर निवासी संजय गर्ग को बाड़मेर से अलवर लगाया गया था, लेकिन अब जैसलमेर में नियुक्ति दी गई है। जयपुर निवासी दीपक कुमार शर्मा को जालौर से सांभर लगाया गया था, लेकिन अब भीनमाल में नियुक्ति दी गई है। भीलवाड़ा निवासी राजकुमार चतुर्वेदी को पहाड़ी से रेलमगरा में नियुक्ति दी गई थी, लेकिन अब धौलपुर लगाया गया है। राजगढ़ निवासी शम्भुदयाल मीणा को शिव से राजगढ़ नियुक्ति दी गई थी, लेकिन 4 जनवरी जारी सूची में तारानगर लगाया गया है। अजमेर निवासी नारायण लाल गुप्ता को डूंगरपुर से भीम के कॉलेज में नियुक्ति दी गई थी, अब कुशलगढ़ में लगाया गया है। अजमेर निवासी सुशील कुमार बिस्सु को कुशलगढ़ से भीम लगाया गया था, लेकिन अब डूंगरपुर में नियुक्ति दी गई है। ब्यावर निवासी धीरज पारीक को गंगापुर सिटी के स्थान पर रतनगढ़ में नियुक्ति दी गई है। सिरोही निवासी संजय पुरोहित को भोपालगढ़ से सिरोही नियुक्ति दी गई थी, लेकिन अब फलौदी में लगाया गया है। उदयपुर निवासी सतीश आचार्य को सरवाड़ से मडफिया लगाया गया था, लेकिन अब पीपलखूंट कॉलेज में नियुक्ति दी गई है। जयपुर निवासी दिलीप कुमार गोयल को नगर से पीपलू कॉलेज में नियुक्ति दी गई थी, लेकिन अब बावनवास कॉलेज में लगाया गया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-01-2021)

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