कोरोना वैक्सीन को तैयार करने को लेकर जब दुनिया भर में भारत की प्रशंसा हो रही है, तब हमारे कुछ राजनेता वैक्सीन को राजनीति में उलझा रहे हैं। हमारा किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं-भारत बायोटेक, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी। वैक्सीन का टीका पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगवाएं-कांग्रेस।

भारत उन चुनिंदा देशों में से एक हैं, जहां कोरोना की वैक्सीन तैयार की गई है। एक नहीं, बल्कि तीन संस्थाओं ने कोरोना की वैक्सीन तैयार की है। भारत के वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि की प्रशंसा दुनियाभर में हो रही है। पाकिस्तान जैसा देश जहां वैक्सीन की भीख मांग रहा है, वहीं भारत अपनी वैक्सीन को विदेश भेजने की तैयारी में है। इतनी बड़ी उपलब्धि के बाद भी हमारे देश के कुछ राजनेता कोरोना वैक्सीन को राजनीति में उलझा रहे हैं। इस ओछी राजनीति के चलते ही वैक्सीन तैयार करने वाली स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक को सफाई देनी पड़ी है। कंपनी ने कहा कि उसका किसी कभी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है। वैक्सीन का परीक्षण भारत के साथ साथ यूके व अन्य देशों में भी किया गया है। परीक्षण के दौरान वैक्सीन निर्धारित मापदंडों पर खरी उतरी है। कंपनी को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि विपक्षी नेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने वैक्सीन तैयार करवाई है। जिस सरकारी एजेंसियों का उपयोग विपक्षी नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है, उसी प्रकार वैक्सीन लगाकर विपक्षी नेताओं को नुकसान पहुंचाया जाएगा। मालूम हो कि वैक्सीन को भाजपा की बताकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया था। कोरोना वैक्सीन को राजनीति में तब उलझाया जा रहा है, जब देश के करोड़ों लोगों को वैक्सीन की सख्त जरुरत है। भारत के लोग भाग्यशाली है कि जो स्वदेशी वैक्सीन का उपयोग करेंगे। यदि भारत के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार नहीं करते तो आज हमें भी पाकिस्तान की तरह वैक्सीन की भीख मांगनी पड़ती। यदि वैक्सीन भारत में तैयार नहीं होती तो यही राजनेता नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाते। ओछी राजनीति करने वाले नेता भले ही सरकार की प्रशंसा न करें, लेकिन कम से कम हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर पानी तो नहीं फेरे। वैक्सीन तैयार करना वैज्ञानिकों की बहुत बड़ी उपलब्धि है। अब कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन को सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगाया जाए। यानि अभी भी वैक्सीन की गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। जबकि वैज्ञानिक बार बार कह चुके हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन कुछ राजनेता बेवजह का भ्रम फैला रहे हैं। वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है। विरोध करने वाले नेता चाहे तो वैक्सीन नहीं लगवाएं। ऐसे नेता वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो ज़रूरतमंदों के काम आएगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-01-2021)

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