भारत की समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने में सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) सबसे बड़ा खतरा-योगी आदित्यनाथ। भारत की विविधता और संस्कृति को बचाने के लिए आरएसएस की मानसिकता के खिलाफ अहिंसात्मक संघर्ष की जरुरत-राहुल गांधी। आखिर हमारा देश किस नीति से बच पाएगा? कश्मीर घाटी में क्यों नहीं पनपता सेक्युलरिज्म?
9 मार्च को अखबारों में एक ही मुद्दे पर दो राय सामने आई। एक राय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरी राय कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी की है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने में सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) सबसे बड़ा खतरा है। हमें सेक्युलरिज्म से उबर कर शुद्ध और सात्विक मन से भारत को आगे बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। सब जानते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) भी भारत की सनातन संस्कृति का पक्षधर है। संघ का प्रयास है कि भारत पूर्व में सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मजबूत था, उसी प्रकार अब भी बने। संघ भी भारत की परंपराओं को समृद्ध मानता है। दुनिया में भारत की सनातन संस्कृति ही ऐसी है जो सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने की शिक्षा देती है। रामायण का दौर हो या महाभारत का। हमारे पूर्वजों ने कभी भी मानव जाति में भेद नहीं किया। इसलिए भगवान राम ने शबरी के झूठे बैर भी खा लिए। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी को लगता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा देश के लिए खतरनाक है। इसलिए 8 मार्च को युवक कांग्रेस की एक बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि भारत की विविधता व संस्कृति को बचाने के लिए संघ की मानसिकता के खिलाफ अहिंसात्मक संघर्ष करने की जरूरत है। यानी राहुल गांधी चाहते हैं कि युवा कांग्रेसी संघ की विचारधारा के खिलाफ जन जागरण करें। राहुल गांधी की सोच अपनी जगह है, लेकिन सवाल उठता है कि राहुल गांधी जिस सेक्युलरिज्म और विविधता की बात कर रहे हैं, वह सेक्युलरिज्म और विविधता कश्मीर घाटी में कहां चली जाती है? सब जानते हैं कि कश्मीर घाटी से चार लाख हिन्दुओं को प्रताड़ित कर भगा दिया गया। ऐसे हिन्दू आज भी अपने देश में शरणार्थी बने हुए हैं। हिन्दुओं का पलायन कांग्रेस के शासन में ही हुआ। सवाल उठता है कि जब हिन्दुओं को प्रताड़ित किया गया जा रहा था तब राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं ने सेक्युलरिज्म और विविधता की बात कट्टरपंथियों को क्यों नहीं समझाई? अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर में कितना आतंकवाद पनपा यह राहुल गांधी अच्छी तरह जानते हैं। इसके विपरीत योगी आदित्यनाथ की पार्टी ने जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया तो आज कश्मीर के हालात तेजी से सुधर रहे हैं। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर घाटी से एक भी व्यक्ति को बेदखल नहीं किया गया है। उल्टे कश्मीरियों को प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। पर्यटक बढऩे से कश्मीरियों को रोजगार भी मिलने लगा है। यही भारत की सनातन संस्कृति की खूबसूरती है। इस संस्कृति में दूसरे धर्म के लोग भी अमन चैन के साथ रह सकते हैं। जिस संस्कृति में गाय को देवता मानकर पूजा जाता हो उसमें हिंसा और भेदभाव की गुंजाइश ही नहीं, जबकि सेक्युलरिज्म की आड़ में कश्मीर से हिन्दुओं को भगाया जाता है। राहुल गांधी संघ के खिलाफ बोलते रहे, लेकिन उन्हें भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जरुरत है। यदि राहुल गांधी हमारे वेदों को पढ़ेंगे तो फिर संघ को गालियां देना बंद कर देंगे। क्या राहुल गांधी नहीं चाहते कि भारत मजबूत बने? भारत तभी मजबूत बन सकता है, जब सभी धर्मों के लोग बिना किसी भेदभाव के रहे और यह सनातन संस्कृति में ही संभव है।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-03-2021)
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