मतदाता पहचान पत्र अब आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य। लोकसभा में बिना बहस के पास हो गया चुनाव सुधार बिल। पत्रकार के सवाल पर जब राहुल गांधी को गुस्सा आया।
20 दिसंबर को लोकसभा में चुनाव सुधार बिल मंजूर हो गया है। इसके साथ ही अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करवाना अनिवार्य होगा। यानी जिस प्रकार बैंक अकाउंट से आधार को जुड़वाया गया है, उसी प्रकार अब वोटर आईडी कार्ड को भी आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा। आधार कार्ड से वोटर आईडी लिंक होने पर ही मतदाता वोट डाल सकेगा। सरकार का कहना है कि बोगस मतदान को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। जब मतदाता का वोटर आईडी कार्ड आधार से लिंक होगा तो फिर कोई भी उम्मीदवार चुनाव में फर्जी मतदान नहीं करवा सकेगा। सरकार की ओर से कहा गया कि चुनाव सुधार के कार्यों में यह सबसे पहले महत्त्वपूर्ण कदम है। कानून मंत्री किरण रिजूजी ने जब इस बिल को रखा तो लोक सभा के सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों को बिल पर अपनी राय रखने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन अधिकांश सांसद लोकसभा में हंगामा करते रहे, जिसकी वजह से इस बिल पर सार्थक चर्चा नहीं हो सकी। जब कोई विपक्षी सांसद बिल पर बहस करने को तैयार नहीं हुआ तो सभापति ने हाथ उठाने वाली परंपरा को निभाते हुए बिल को स्वीकृत होना घोषित कर दिया।राहुल को गुस्सा आया:संसद में लगातार हो रहे हंगामे को लेकर 20 दिसंबर को कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में मीडिया से संवाद किया। राहुल ने कहा कि हम लद्दाख से लेकर फोन टैपिंग तक के मामले सदन में उठाना चाहते हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं है। इस पर एक पत्रकार ने राहुल गांधी से कहा कि सरकार का कहना है कि हाउस ऑर्डर में आएगा तभी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। इस सवाल पर राहुल गांधी नाराज हो गए। राहुल ने पत्रकार से पूछा कि क्या आप सरकार के लिए काम करते हैं? यह बात राहुल गांधी ने तीन बार दोहराई। राहुल गांधी के गुस्से को देखते हुए पत्रकार चुप हो गया। राहुल गांधी ने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है। विपक्ष जो मुद्दे उठा रहा है उस पर भी सदन में चर्चा करवाई जानी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सरकार इस मुद्दे पर भी बात करने को तैयार नहीं है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष द्वारा संसद का बहिष्कार किया जाना उचित नहीं है। जो दल बहिष्कार कर रहे हैं उनका चुनाव में जनता ही बहिष्कार कर रही है। जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बहस कराने को तैयार है, लेकिन यह बहस तभी होगी, जब दोनों सदनों में शांति हो। संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार कर विपक्ष ने नई परंपरा डाली है जो बेहद ही शर्मसार करने वाली है। विपक्ष लोकतंत्र की दुहाई तो देता है, लेकिन संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार भी करता है। S.P.MITTAL BLOGGER (20-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511