आखिर नागौर के जाट नेता जयपाल पूनिया के शव का अंतिम संस्कार हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दखल काम आया। कांग्रेस सरकार के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के भाई, बहनोई सहित पांच आरोपी गिरफ्तार। महेंद्र चौधरी भी है आरोपी। सबूत मिले तो विधायक महेंद्र चौधरी भी गिरफ्तार होंगे-डीजीपी लाठर।
18 अप्रैल को नागौर के जाट नेता जयपाल पूनिया के शव का अंतिम संस्कार हो गया। इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान पुलिस ने राहत की सांस ली है। पूनिया का उनके चूरू जिले के राजगढ़ पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अंतिम संस्कार से पहले शव का मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया। गत 14 मई को गोली मार कर पूनिया की हत्या की गई थी। हत्या के बाद से ही नागौर का माहौल तनावपूर्ण था। परिजन मांगे नहीं माने जाने तक अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। हालांकि अब सीबीआई जांच की मांग स्वीकार नहीं की गई है, लेकिन जांच के बाद डीआईजी राहुल प्रकाश के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी है तथा पुलिस ने 17 मई की रात को सरकार के उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह चौधरी, हरियाणा के नांगल निवासी बहनोई कुलदीप सिंह, तथा नावां निवासी फिरोज कायमखानी, हारुन कायमखानी व हनुमान माली को गिरफ्तार कर लिया है। परिजन ने उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी की गिरफ्तारी की भी मांग की है। 15 मई से नावां में धना दिया जा रहा था। सरकार के खिलाफ भाजपा और सांसद हनुमान बेनीवाल की आरएलपी एक साथ आ गई थी। पूनिया के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने तथा राजनीतिक दलों के धरने से माहौल लगातार बिगड़ रहा था। कांग्रेस के चिंतन शिविर से फ्री होकर 17 मई को सीएम अशोक गहलोत ने दखल दिया। जानकार सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर गहलोत ने गृह विभाग के अधिकारियों और पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर से संवाद किया। सीएम के दखल के बाद ही सांसद बेनीवाल और परिजन के साथ समझौता हो सका। देर रात को ही पुलिस ने महेंद्र चौधरी के रिश्तेदारों सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि नागौर पुलिस ने हत्या के बाद ही इन पांचों को हिरासत में ले लिया था, लेकिन राजनीतिक कारणों से गिरफ्तारी नहीं दिखाई। परिजन का आरोप है कि कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी ने ही अपराधी तत्वों से पूनिया की हत्या करवाई है। सांसद बेनीवाल ने कहा कि आंदोलन स्थगित किया गया है, यदि एसआईटी ने जांच में कोताही बरती तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक हरीश कुमावत ने भी 17 मई से अनशन शुरू कर दिया था। सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में नागौर के पूर्व सांसद सीआर चौधरी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
विधायक भी गिरफ्तार होंगे:
जयपाल पूनिया हत्याकांड को जोरशोर से उठाने वाले नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि उनकी प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर से बात हुई है। लाठर ने भरोसा दिलाया है कि यदि कांग्रेस के विधायक महेंद्र चौधरी के खिलाफ सबूत मिले तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। लाठर का कहना रहा कि पुलिस ने सबूतों के आधार पर ही धौलपुर के कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा को भी गिरफ्तार किया है। बेनीवाल ने कहा कि उन्हें फिलहाल लाठर के कथन पर भरोसा है, इसलिए वे आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं।
एसपी राममूर्ति के प्रयास:
जयपाल पूनिया हत्याकांड में नागौर के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी के प्रयास भी सकारात्मक रहे हैं। हत्या के बाद ही पुलिस ने पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया था। नावां में जब भाजपा और आरएलपी की ओर से धरना दिया गया, तब कई बार एसपी जोशी ने नेताओं से सीधा संवाद किया। कई बार तो जोशी धरना स्थल के मंच पर ही पहुंच गए। जोशी का प्रयास रहा कि पूनिया के शव का अंतिम संस्कार जल्द से जल्द करवाया जाए। जोशी मृतक पूनिया के परिजनों से लगातार संपर्क में भी रहे। यही वजह रही कि 17 मई को जब राजनीतिक समझौता हुआ तो पुलिस ने रात को ही पांच आरोपियों की गिरफ्तारी दिखा दी। हत्याकांड के बाद पांच को हिरासत में लिया जाना पुलिस की उपलब्धि माना जा रहा है। अब इस मामले की जांच सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश करेेंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (18-05-2022)
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