शराब पीकर उद्दंडता करने वाले युवा जैसलमेर एसपी के पुत्र की गिरफ्तारी से सबक लें। एक पिता के रूप में एसपी नाथावत की पीड़ा इससे ज्यादा क्या हो सकती है, जब पुलिस ने पुत्र प्रवीण की मीडिया के समक्ष परेड करवाई। गहलोत सरकार को टिकाए रखने का घमंड करने वाले आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की भी नहीं चली। शाबाशी तो पिटने वाले सीआई करण सिंह खंगारोत को भी मिलनी चाहिए।
राजस्थान और देश में ऐसे कई युवा है जो शराब पीकर अपने पिता के पद या पैसे के घमंड में सरेआम उद्दंडता करते हैं। जब पिता का पद या पैसा शराब में मिल जाता है, तब नशा सातवें आसमान पर होता है। ऐसे युवाओं को लगता है कि पिता के रुतबे से उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ऐसे युवाओं को राजस्थान के जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत के पुत्र प्रवीण सिंह नाथावत की गिरफ्तारी से सबक लेना चाहिए। अजमेर पुलिस के डीएसपी भंवर रणवीर सिंह ने क्रिश्चियनगंज थाने के सीआई करण सिंह खंगारोत के साथ मारपीट करने के आरोप में प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया है। यदि 26 जनवरी को प्रवीण ने शराब न पी होती तो प्रवीण सीआई के साथ उद्दंडता भी नहीं करता। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद अब भले ही शराब के सेवन से इंकार किया जाए, लेकिन प्रत्यदर्शियों के अनुसार शराब की वजह से प्रवीण ने उद्दंडता की। शराब कितनी बुरी है, इसका अंदाजा प्रवीण की गिरफ्तारी से लगाया जा सकता है। पिता जिस महकमे के आईपीएस हो, उसी महकमे ने पुत्र की गिरफ्तारी की। एक पिता के रूप में एसपी नाथा की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है, जब 15 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद मीडिया के समक्ष प्रवीण की परेड करवाई गई। भंवर सिंह नाथावत ने पुलिस सेवा में रहते हुए न जाने कितने गुंडे बदमाशों की परेड मीडिया के सामने करवाई, लेकिन शराब की वजह से उन्हीं के पुत्र की परेड मीडिया के सामने हुई। इस परेड का प्रवीण पर कितना असर होगा, यह भविष्य ही बताएगा, लेकिन पिता नाथावत की पीड़ा को वो ही समझ सकते हैं। प्रवीण को अब कुछ दिनों के लिए जेल भी जाना होगा। जेल के हालातों से पिता को निपटना चुनौतीपूर्ण होगा। यह सब तब हो रहा है, जब 26 जनवरी की घटना के बाद 30 जनवरी को पुत्र प्रवीण का विवाह भी किया। विवाह के 15 दिन बाद एसपी के पुत्र की गिरफ्तारी हो जाए तो पीड़ा असहनीय होगी। शराब पीने वाले युवा प्रवीण की गिरफ्तारी का केस स्टडी के तौर पर अध्ययन करें तो उन्हें जीवन का सबक सीखने का अवसर मिलेगा।
राठौड़ का घमंड भी चूर:
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को घमंड है कि उनकी वजह से राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। इस घमंड के चलते ही 26 जनवरी की घटना के बाद राठौड़ ने आरोपी पुत्र को खुला संरक्षण दिया। यह दिखाने का प्रयास किया कि मेरे रहते कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लेकिन प्रवीण की गिरफ्तारी और फिर मीडिया के समक्ष परेड से जाहिर है कि धर्मेन्द्र राठौड़ की एप्रोच भी काम नहीं आई है। धर्मेंद्र राठौड़ को भी अब सरकार टिकाए रखने का घमंड दूर हो जाना चाहिए। खुद राठौड़ पर कांग्रेस में अनुशासनहीनता करने की तलवार लटकी हुई है।
सीआई भी शाबाशी के पात्र:
पीड़ित सीआई करण सिंह खंगारोत ने जब प्रवीण के विरुद्ध आपराधिक रिपोर्ट लिखाई,तब उन्हें पता था कि प्रवीण जैसलमेर के एसपी नाथावत का पुत्र है। स्वाभाविक है कि रिपोर्ट नहीं लिखवाने का खंगारोत पर दबाव रहा होगा, लेकिन खंगारोत ने पुलिस की इज्जत का ख्याल रखते हुए एफआईआर दर्ज करवाई। एफआईआर भी ऐसी जिसमें प्रवीण की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो। खंगारोत ने जो बहादुरी दिखाई है, उस पर उन्हें शाबाशी मिलनी ही चाहिए। यदि न्यायालय में खंगारोत अपनी एफआईआर पर कायम रहते हैं तो प्रवीण को सजा भी मिलेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष भंवर सिंह नाथावत पुलिस सेवा से रिटायर हो रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-02-2023)
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