अजमेर से पांच बार की विधायक अनिता भदेल की नाराजगी को भाजपा नेतृत्व को गंभीरता से लेना चाहिए। विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने वालों पर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी कोई कार्यवाही नहीं की।
27 फरवरी को अजमेर के भाजपा कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एक बैठक हुई। इस बैठक में अजमेर दक्षिण क्षेत्र की विधायक अनीता भदेल ने शहर जिला उपाध्यक्ष घीसू गढ़वाल की उपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए बैठक का बहिष्कार किया। भदेल का कहना रहा कि विधानसभा चुनाव में गढ़वाल ने भाजपा को हराने का काम किया। इसकी शिकायत दक्षिण क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों ने कर रखी है, लेकिन इसके बाद भी गढ़वाल को पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों में बुलाया जा रहा है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव प्रभारी और प्रदेश की डिप्टी सीएम दीया कुमारी के साथ साथ राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, संगठन प्रभारी बीरम देव सिंह, शहर और देहात के जिला अध्यक्ष पदाधिकारी मौजूद थे। भदेल ने इस बैठक में जिस तरह अपनी नाराजगी दिखाई उसे भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व को गंभीरता से लेना चाहिए। भदेल पांच बार की विधायक है और एक बार स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। भदेल भाजपा में न केवल वरिष्ठ विधायक हैं, बल्कि अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़ी हुई है। यदि भाजपा में अनुसूचित जाति महिला विधायक को सम्मान नहीं मिलेगा तो फिर लोगों में गलत संदेश जाएगा। श्रीमती भदेल सिर्फ इतना चाहती है कि मंडल अध्यक्षों की शिकायतों का निस्तारण होने तक घीसू गढ़वाल सहित पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी की गतिविधियों से अलग रखा जाए। मंडल अध्यक्षों ने जो शिकायत दी है उसमें बताया कि घीसू गढ़वाल ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में काम किया है। शिकायत में इसके सबूत भी दिए गए हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार मंडल अध्यक्षों की शिकायतों को प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के ध्यान में भी लाया गया है, इतना ही नहीं संगठन के जिला प्रभारी बीरम देवी सिंह और शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी को भी जानकारी दी गई है। लेकिन फिर भी मंडल अध्यक्षों की शिकायत पर आरोपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही। सब जानते हैं कि इस बार श्रीमती भदेल ने कड़े संघर्ष में चुनाव जीता है। प्रचार के दौरान जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में कार्य किया उसको लेकर अनिता भदेल का नाराज होना स्वाभाविक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीमती भदेल अपनी नाराजगी को लोकसभा चुनाव प्रभारी दीया कुमारी को पहले ही बताना चाहती थी, इसके लिए 26 फरवरी को फोन भी किए गए, लेकिन दीया कुमारी ने फोन अटेंड नहीं किया। बहिष्कार के बाद भी श्रीमती भदेल ने दीया कुमारी को बताया कि उनकी कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन वे चाहती है कि जिन कार्यकर्ताओं ने भाजपा को हराने का काम किया उनके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए। यह मुद्दा पार्टी के अनुशासन से भी जुड़ा हुआ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-02-2024)
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