अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे के समर्थन में सनातन धर्म रक्षा संघ सामने आया। हिंदू पक्ष की ओर से ऐसा पहली बार। कोर्ट नोटिस का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार में उच्च स्तरीय मंथन। ख्वाजा साहब का छह दिवसीय सालाना उर्स 1 जनवरी से। प्रशासन की सभी पक्षों पर नजर।

अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के समर्थन में अब सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु सामने आ गया है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वाद पर 27 नवंबर को अजमेर के सिविल जज मनमोहन सिंह चंदेल ने केंद्र सरकार के तीन विभागों को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद से ही मुस्लिम पक्ष हमलावर रहा। दरगाह के खादिमों की ओर से यहां तक कहा गया कि विष्णु गुप्ता अपाधिक प्रवृत्ति का है, इसलिए पुलिस को उसके खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर भी  मुस्लिम नेताओं ने विष्णु गुप्ता के दावे की आलोचना की। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कोर्ट द्वारा जारी नोटिस को गलत माना। पिछले एक सप्ताह से एकतरफा बयान बाजी हो रही थी। लेकिन 3 दिसंबर को सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरू के बैनर तले एक बैठक वैशाली नगर स्थित तपस्वी भवन में हुई। इस बैठक में संघ के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा और संयोजक तरुण वर्मा ने मुस्लिम पक्ष की बयानबाजी को गैर जरूरी बताया। कहा गया कि इस प्रकरण में अब हमारा संघ भी पक्षकार बनेगा। भारत में लोकतंत्र है इसलिए हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। अभी तो अदालत ने सिर्फ नोटिस जारी किए हैं, लेकिन इन नोटिसों पर बेवजह का हंगामा खड़ा किया जा रहा है। बैठक में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी की गई। बैठक में अजमेर के प्रसिद्ध डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. लाल थदानी, डॉ. रामनिवास शर्मा, पंडित चंद्रशेखर गोड, रामकुमार चौरसिया, देवेंद्र त्रिपाठी, इंजीनियर अशोक शर्मा, विजय शर्मा, एडवोकेट रवि मेहता, राम सिंह उदावत, ओम प्रकाश टांक, महावीर कुमावत आदि ने कहा कि दरगाह में मंदिर होने के मामले में संघ प्रभावी तरीके से अदालत में अपना पक्ष रखेगा।

उच्च स्तरीय मंथन:
हिंदू सेना के वाद पर अजमेर की सिविल अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, उस के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी किए है। चूंकि इस मामले में 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है, इसलिए केंद्र सरकार में नोटिस का जवाब देने के लिए उच्च स्तरीय मंथन शुरू हो गया है। जानकार सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री किरण रिजिजू से विमर्श भी किया है। हो सकता है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले तीनों विभागों की ओर से 20 दिसंबर को कोई जवाब प्रस्तुत न किया जाए। अल्पसंख्यक मंत्रालय के संयुक्त सचिव नदीम अहमद ही इन दिनों दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम है। मंत्रालय की ओर से स्थायी नाजिम की नियुक्ति नहीं हो रखी है। पिछले दो वर्षों से दरगाह कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है। ऐसे में दरगाह की आंतरिक प्रबंधन की जिम्मेदारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के पास ही है।

उर्स 1 जनवरी से:
दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के बाद से ही अजमरे का माहौल गर्म है। अब अजमेर शहर के हिंदू समुदाय के लोग भी एक मंच पर आ गए है। यह पहला अवसर है जब हिंदू समुदाय ने एक मंच पर आकर अपना विचार रखा है। ऐसे में गर्म माहौल में ही ख्वाजा साहब के सालाना उर्स की तैयारियां भी शुरू हो गई है। मात्र 25 दिन बाद 1 जनवरी से शुरू होने वाले 6 दिवसीय उर्स का झंडा दरगाह के बुलंद दरवाजे पर 28 दिसंबर को चढ़ेगा। विष्णु गुप्ता के वाद में इस बुलंद दरवाजे का उल्लेख भी किया गया है। ख्वाजा साहब के उर्स में देश भर से लाखों जायरीन आते हैं। यहां तक कि सरकारी स्तर पर पाकिस्तान से भी जायरीन आता है। इस बार उर्स में जुमे की नमाज 3 जनवरी को होगी।

प्रशासन की नजर:
दरगाह में मंदिर होने के विवाद और सालाना उर्स के मद्देनजर अजमेर का जिला प्रशासन सभी पक्षों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन का प्रयास है कि उर्स के दौरान कोई विवाद न हो। जिला कलेक्टर लोकबंधु ओर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने अपने अधिकारियों के साथ दरगाह क्षेत्र का दौरा भी किया है। इस बार शांतिपूर्ण उर्स प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-12-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511

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