अजमेर के पूर्व मेयर कमल बाकोलिया को किशनगढ़ में भूमि आवंटन की शिकयात अब लोकायुक्त को। नगर परिषद के तत्कालीन अफसरों पर मिली भगत का आरोप।
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अजमेर नगर निगम के पूर्व मेयर कमल बाकोलिया को किशनगढ़ में एक हजार वर्गगज भूमि के आवंटन में हुई अनियमितताओं की शिकायत अब राज्य के लोकायुक्त से की गई है। यह भूमि बाकोलिया को अनुसूचित जाति वर्ग में आवंटित हुई। रसोई गैस की एजेंसी के गोदाम के लिए 99 वर्ष की लीज पर मात्र 30 रुपए प्रति वर्गगज की दर पर दी गई थी। आरटीआई कार्यकर्ता सत्यनारायण गर्ग द्वारा भेजी गई शिकायत में कहा गया कि वर्ष 1984 में जब गैस एजेंसी के गोदाम के लिए भूमि दी गई, तब भूमि पर नगर परिषद का स्वामित्व नहीं था। आरटीआई कानून में प्राप्त दस्तावेजों से पता चलता है कि जिला कलेक्टर ने संबंधित भूमि को वर्ष 2002 में नगर परिषद को स्थानांतरित किया था। ऐसे में 1984 में बाकोलिया को दी गई भूमि का बेचान पूरी तरह अवैध हैं। लोकायुक्त से मांग की गई है कि किशनगढ़ नगर परिषद के तत्कालीन प्रशासक सुमतिलाल बोहरा तथा आयुक्त बीपी सक्सैना के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। इन दोनों अफसरों ने 16 बीघा भूमि में से एक हजार वर्गगज का आवंटन बिना ले आउट प्लान के कर दिया। फलस्वरूप बाकोलिया ने बेशकीमती जमीन पर गोदाम बना लिया। गर्ग ने सवाल उठाया है कि अफसरों ने ले आउट प्लान क्यों नहीं दिया। रसोई गैस के गोदाम के लिए वाणिज्य दर पर भूमि का आवंटन होना चाहिए, लेकिन मिली भगत से मात्र 30 रुपए वर्गगज की दर से भूमि दे दी गई। लोकायुक्त से मांग की गई है कि भूमि का आवंटन रद्द कर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। इस प्रकरण में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9829260826 पर सत्यनारायण गर्ग से ली जा सकती है।
मेरा कोई दोष नहीं-बाकोलियाः
किशनगढ़ में भूमि आवंटन के संबंध में कमल बाकोलिया का कहना है कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। मैंने सरकार के नियमों के तहत एससी वर्ग में एजेंसी ली थी और नियमों के अनुरूप ही भूमि आवंटित करवाई है। यदि 1984 में भूमि का स्थानांतरण नगर परिषद में नहीं हुआ तो इसमें मेरा क्या दोष है? मैंने नियमों के तहत ही राशि जमा करवाई थी, लोकायुक्त सचिवालय कोई जांच करेगा तो जवाब दे दिया जाएगा।