जयपुर दौरे में प्रधानमंत्री को दिखाई जाएगी अजमेर स्मार्ट की झलक।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 जुलाई को जयपुर दौरा प्रस्तावित है। इस दौरे में प्रदेश भर के विकास कार्यों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही अजमेर में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत हुए कार्यों की झलक भी दिखाई जाएगी। अजमेर के आनासागर के किनारे बने पाथवे और स्टेशन रोड पर बनने वाले ऐलीवेटेड रोड की जानकारी भी पीएम को दी जाएगी। हालांकि अभी आनासागर के चारों और पाथवे का निर्माण नहीं हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री को यह बताने का प्रयास होगा कि पाथवे के चारों तरफ बना है। इसी प्रकार ऐलीवेटेड रोड पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। जिस कंपनी को ठेका मिला है, वह अभी उपयोगिता का ही सर्वे कर रही है। प्रशासन और विभिन्न विभागों का दावा है कि स्मार्ट सिटी के अनेक कार्य हो रहे हैं लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अभी तक एक नहीं कार्य पूरा नहीं हुआ है। विभिन्न कारणों से करोड़ों रुपए के कार्ड अटके पड़े हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन के अधिकारी स्मार्ट सिटी की स्मार्ट झलक प्रधानमंत्री को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
कलेक्टर बड़ा या ठेकेदारः
निर्माणाधीन पाथवे पर आनासागर की जो मिट्टी डाली गई उसे हटाने के लिए जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने भी निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद भी संबंधित ठेकेदार लगातार पाथवे पर ही आनासागर की मिट्टी डाल रहा है जिससे पाथवे पर लगी महंगी लाइटें खराब हो रही है। गंभीर बात यह है कि स्मार्ट सिटी योजना के इंजीनियर ठेकेदार के साथ खड़े हैं। इंजीनियर मोदी का कहना है कि अभी पाथवे का काम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए मिट्टी डालने से पाथवे क्षतिग्रस्त होता है तो ठेकेदार की ही जिम्मेदारी होगी। योजना के इंजीनियर ठेकेदार का बचाव क्यों कर रहे हैं यह सब जानते हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब कलेक्टर ने पाथवे पर मिट्टी डालने से मना कर दिया था, तो फिर ठेकेदार मिट्टी क्यों डाल रहा है? क्या आनासागर से निकाली गई मिट्टी को हाथों हाथ नहीं हटाया जा सकता, जिस पाथवे पर पिछले कई दिनों से आम नागरिक चल रहे थे, यदि उस पर मिट्टी भर दी जाए तो यह अपराध है। मिट्टी डालने से पाथवे क्षतिग्रस्त होता है तो इसका बोझ जनता पर ही पड़ेगा। कोई भी ठेकेदार अपनी जेब से राशि खर्च कर पाथवे की मरम्मत का काम नहीं करेगा, इंजीनियरों को यह पता होना चाहिए कि पाथवे पर लगी एक लाइट की कीमत 50 हजार रुपए है। ठेकेदार ने इन लाइटों की खूबसूरती भी खत्म की है।