कांग्रेस ने अपने परंपरागत घुमंतू समुदाय का ख्याल नहीं रखा तो संघ वाले भाजपा में ले जाएंगे।
कांग्रेस ने अपने परंपरागत घुमंतू समुदाय का ख्याल नहीं रखा तो संघ वाले भाजपा में ले जाएंगे। पूर्व मंत्री गोपाल केशावत ने स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलेजा को चेताया।
कांग्रेस के शासन में घुमंतू-अर्द्धघुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे गोपाल केशावत ने 23 जुलाई को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलेजा से मुलाकात की। इस मुलाकात में केशावत ने एक ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन में कहा गया कि राजस्थान की घुमंतू-अर्द्ध घुमंतू जातियां परंपरागत तौर पर कांग्रेस के साथ रही हैं। कोई एक करोड़ की आबादी होने के बाद भी इन जातियों को राजनीति में उचित स्थान नहीं मिला है। जबकि राजस्थान में शाहपुरा, मेड़ता सिटी, अनूपगढ़, रायसिंह नगर, खाजूवाला, पीलीबगा आदि ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां इन जातियों का बाहूल्य है। राजस्थान में सांसी, बंजारा, नायक, बाबरी, गाडिया लोहार, रेबारी, कंजर, राजभर, निशाद आदि जातियों को घुमंतू और अर्द्धघुमंतू माना गया है। इन जातियों के प्रतिनिधियों को कांग्रेस संगठन ने भी उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से यह समुदाय अपने आप को अलग-थलग महसूस करता है और युवा वर्ग कुंठित व भ्रमित है। इसी का फायदा उठाते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राजस्थान की घुमंतू और अर्द्धघुमंतू जातियों के लोगों को संघ की विचारधारा से जोड़ा जाएगा। यदि संघ इस कार्य में सफल होता है तो घुमंतू-अर्द्धघुमंतू जातियों के वोट भाजपा को चले जाएंगे। ज्ञापन में मांग की गई कि नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में हमारे समुदाय के हितों का ध्यान रखा जाए और कम से कम 11 टिकट इन जातियों के प्रतिनिधियों को दिए जाए। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9829682319 पर गोपाल केशावत से ली जा सकती है।