किशनगढ़ में मंदिर भूमि पर मार्बल कारोबारियों का अतिक्रमण नहीं। सरकार का भी सकारात्मक रुख।
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किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि औद्योगिक क्षेत्र में मंदिर श्रीरघुनाथ जी की भूमि पर किसी भी मार्बल कारोबारी ने अतिक्रमण नहीं कर रखा है और न ही कोई अवैध कब्जा है। मंदिर से जुड़ी भूमि को मंदिर के पुजारी परिवार के सदस्यों ने 99 वर्ष की लीज पर दिया है। सभी कारोबारियों ने पुजारी परिवार के सदस्यों को मांग के अनुसार राशि भी दी है। शेखावत मार्बल के देवी सिंह शेखावत, मोहित मार्बल के राजेन्द्र गर्ग, अरिहंत मार्बल के राजकुमार दोषी आदि ने 99 वर्ष की लीज पर ही भूमि ली है, जिसका विधिवत पंजीयन भी करवाया गया है। मंदिर भूमि पर कोई 200 कारोबारी मार्बल का कार्य कर रहे है। किशनगढ़ को मार्बल मंडी के तौर पर प्रसिद्ध करने में इन कारोबारियों की सक्रिय भूमिका रही है। टांक ने बताया कि मंदिर भूमि के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है उसी के परिपे्रक्ष्य में अब यह मामला राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन है। इस संबंध में मार्बल एसोसिएशन की ओर से भी सरकार के समक्ष प्रतिवेदन रखा गया है। उम्मीद है कि सरकार का निर्णय किशनगढ़ के मार्बल कारोबार के पक्ष में आएगा। टांक ने कहा कि इन दिनों वैसे ही मार्बल कारोबार को टाइल्स से कड़ी प्रतिस्प्रर्धा करनी पड़ रही है। ऐसे कोई प्रतिकूल निर्णय हमारे कारोबार को नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए एसोसिएशन अपने सदस्यों के साथ खड़ी है।
हवाई सफर पर एक हजार का अनुदानः
टांक ने बताया कि 8 अक्टूबर से किशनगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए शुरू होने वाली स्पाई जेट की विमान सेवा में किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के सदस्यों को टिकिट पर एक हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यानि जो सदस्य किशनगढ़ से हवाई सेवा का उपयोग करेगा, उसे अनुदान मिलेगा। यह निर्णय किशनगढ़ से हवाई सेवा को प्रोत्साहन देने के लिए है।