कैंसर पीडि़त पिता को ईलाज के लिए पुत्र से मिलेंगे 50 हजार रुपए प्रतिमाह। अजमेर के उद्योगपति बेटे को अदालत ने लगाई फटकार।
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कैंसर पीडि़त पिता को ईलाज के लिए पुत्र से मिलेंगे 50 हजार रुपए प्रतिमाह। अजमेर के उद्योगपति बेटे को अदालत ने लगाई फटकार।
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इसे सामाजिक बुराई ही कहा जाएगी कि एक कैंसर पीडि़त पिता को अपने ईलाज के लिए अदालत की शरण लेनी पड़ी है। अजमेर के उपखण्ड अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने वरिष्ठ नागरिक का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 5 के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए पुत्र को प्रतिमाह 50 हजार रुपए अपने बीमार पिता को देने के आदेश दिए हैं। अजमेर के नाका मदार निवास प्रकाश चंद मित्तल ने एक वाद अपने ही बेटे कमल किशोर मित्तल के खिलाफ दायर किया। इस वाद में प्रकाश चंद ने आरोप लगाया कि बेटे कमल किशोर और उसकी पत्नी नील मित्तल ने धोखाधड़ी कर सारी सम्पत्ति हड़प ली और उसे नाका मदार वाले मकान से धक्के देकर बाहर कर दिया। चूंकि वह पिछले दस वर्षों से कैंसर रोग से पीडि़त है इसलिए उसे दैनिक कार्य करना भी मुश्किल होता है। ऐसे में उसे मजबूरन अपनी पुत्र शालू के ससुराल रहना पड़ रहा है। उपखण्ड अधिकारी विश्नोई ने पूरे मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए आदेश दिया कि कमल किशोर अपनी फर्म कमल आयरन ट्रेडर्स से प्रतिमाह 50 हजार रुपए पिता प्रकाश चंद को देगा ताकि पीडि़त अपनी संभाल के लिए नर्स आदि को रख सके। इतना ही नहीं नाका मदार के आवास में नीचे के कमरों में प्रकाश चंद रह सकेंगे। प्रकाश चंद को प्रतिमाह 50 हजार रुपए मिलते रहें और बेटा कमल किशोर तंग नहीं करे, इसके लिए अलवर गेट पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। विश्नोई के इस फैसले से यह प्रतीत होता है कि पिता की सम्पत्ति हड़पने के बाद अनेक पुत्र माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं। ऐसे बच्चों को शर्म आनी चाहिए। यदि कैंसर पीडि़त पिता के मामले में अदालत को दखल देना पड़े तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती है।
(एस.पी. मित्तल) (14-07-2016)
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