मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका। वोटिंग के फोटो पोस्ट किए।
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6 दिसम्बर के ब्लाॅग संख्या 4932 में मैंने मतदान का महत्व बताते हुए लिखा था कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा के सांसद भूपेन्द्र यादव अजमेर में वोट डालने के लिए दिल्ली से आएंगे। सात दिसम्बर को यादव ने कुंदन नगर के मतदान केन्द्र पर अपना वोट डाला भी। ब्लाॅग लिखने के साथ ही मुझे अनेक फोन आए और बताया कि वे भी लम्बी दूरी तय कर अपना वोट डालने आ रहे हैं। च ौधरी सत्यनारायण चैन्नई से, अभिषेक बाहेती जयपुर से, कैप्टन वैभव तिवारी जम्मू कश्मीर, आशीष शर्मा जयपुर से आए और अपने अपने मतदान केन्द्र पर मताधिकार का उपयोग किया। मुझे इस बात का संतोष है कि 6 दिसम्बर को जो ब्लाॅग लिखा उसका व्यापक असर हुआ। सोशल मीडिया को लेकर अनेक बार आलोचना होती है, लेकिन सोशल मीडिया का अधिकांश लोग सकारात्मक उपयोग करते हैं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फार्म से ही मेरे ब्लाॅग रोजाना दस लाख लोगों तक पहुंचा रहे हैं। हम सबने देखा कि 7 दिसम्बर को वोट डालने के बाद मतदाताओं ने फोटो फेसबुक आदि पर पोस्ट किए। असल में सोशल मीडिया का ही उत्साह है कि मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। चुनाव आयोग को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। आमतौर पर आयोग का ध्यान इनलेक्ट्राॅनिक और प्रिंट मीडिया पर ही रहता है। मई 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में मतदान बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का कैसे सकारात्मक उपयोग हो सकता है इसके बारे में अभी से विचार करना चाहिए। सोशल मीडिया का कितना क्रेज है इसका अंदाजा अजमेर उत्तर के भाजपा उम्मीदवार और प्रदेश के स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के फोटो से लगाया जा सकता है। देवनानी ने अपने फेस बुक अकाउंट पर पूरे परिवार का फोटो पोस्ट किया। यह फोटो वोट डालने के बाद का है। जिन लोगों ने अपने फोटो पोस्ट किए वे अब स्वयं को अन्य मतदाताओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत मान रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि फेसबुक आदि पर मतदान के फोटो देखने के बाद सुस्त मतदाता मतदान के लिए केन्द्र पर पहुंचे हैं। मतदाता ने अपने वोट का महत्व भी समझा है। निर्वाचन विभाग ने भी मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जो अभियान चलाया उसका असर भी हुआ है।