अजमेर के दो सितारे आसमान की ऊंचाइयों पर।
by
Sp mittal
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June 30, 2019
अजमेर के दो सितारे आसमान की ऊंचाइयों पर। एक भूपेन्द्र यादव के जन्मदिन का जश्न तो दूसरे भूपेन्द्र यादव राजस्थान के डीजीपी बने। क्या तालमेल है।
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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव और राजस्थान के नवनियुक्त डीजीपी भूपेन्द्र यादव में नाम का ही संयोग होता तो कोई खास बात नहीं थी, लेकिन दोनों में अनेक काबिलियतें एक जैसी हैं। 30 जून को जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वाले भूपेन्द्र यादव का जन्मदिन का जश्न रहा, वहीं पुलिस के भूपेन्द्र यादव भी 30 जून को डीजीपी बन गए। दोनों ने अजमेर में ही पढ़ाई की है। भाजपा वाले भूपेन्द्र अजेमर के सरकारी कॉलेज में पढ़े तो पुलिस के भूपेन्द्र ने अजमेर के जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई की। अजमेर के कॉलेज से पढ़कर भूपेन्द्र यादव भाजपा की शीर्ष राजनीति में पहुंच गए तो दूसरे भूपेन्द्र यादव राजस्थान पुलिस के सबसे बड़े पद पर विराजमान हो गए हैं। नए नियमों के मुताबिक किसी राज्य के डीजीपी के लिए संबंधित राज्य सरकार को सात सीनियर आईपीएस के नाम प्राथमिकता से केन्द्र सरकार को भेजने होते हैं। बाद संघ लोक सेवा आयोग हर नजरिए से जांच पड़ताल कर एक नाम पर सहमति देती हैं। इसे तालमेल ही कहा जाएगा कि भाजपा के भूपेन्द्र यादव जब जन्म दिन का जश्न है तभी भूपेन्द्र यादव के नाम पर केन्द्र की सहमति हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने राजस्थान में एक शानदार और ईमानदार डीजीपी बनाया है। दोनों भूपेन्द्र यादव न केवल सादगी पसंद है, बल्कि तामझाम से दूर रहते हैं। डीजीपी भूपेन्द्र तो गनमैन का भी उपयोग नहीं करते हैं। इसी प्रकार भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव होने का रुतबा भूपेन्द्र यादव कभी नहीं दिखाते। भूपेन्द्र कभी राजनीति में पद पाने की होड़ में शामिल नहीं होते। यादव की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ जेपी नड्डा के साथ -साथ भूपेन्द्र यादव का नाम भी गंभीरता से चला था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भूपेन्द्र यादव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह का पूरा भरोसा हैं। इसी प्रकार डीजीपी बने भूपेन्द्र यादव पर भी कांग्रेस सरकार के सीएम अशोक गहलोत का अटूट विश्वास हैं। वैसे भी सीएम गहलोत सादगी पसंद अफसरों को ही प्राथमिकता देते हैं। डीजीपी बनने में भूपेन्द्र यादव की काबिलियत सर्वोच्च स्थान पर रही है।
छह माह ही रहेंगे:
भूपेन्द्र यादव डीजीपी के पद पर मात्र छह माह ही रहेंगे, 1987 बेच के आईपीएस यादव हरियाणा के मूल निवासी हैं।