सेवा भारती की शिक्षिका से लेकर राष्ट्रपति अवार्ड तक पहुंची अजमेर की भाजपा विधायक अनिता भदेल।

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8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों से अवार्ड प्राप्त किया। किसी भी व्यक्ति के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होना वाकई गर्व की बात होती है। राजस्थान में महिला सशक्तिकरण के लिए जो नवाचार किए, उसी की वजह से श्रीमती भदेल को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अन्तर्गत भदेल के विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में जो ठोस काम किए, उसी का परिणाम रहा है कि राजस्थान में लड़कियों की जन्म दर बढ़ी। राष्ट्रपति अवार्ड तक पहुंचने में भदेल को लम्बा सफर तय करना पड़ा, लेकिन राजनीति में जब एक बार सफलता मिली तो भदेल ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। श्रीमती भदेल आज सफलता के जिस मुकाम पर खड़ी है, उसकी कल्पना शायद उन्होंने भी नहीं की होगी। वर्ष 2000 से पहले तक श्रीमती भदेल की अजमेर में कोई पहचान नहीं थी और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में सक्रिय था। अजमेर के भजनगंज क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े सेवा भारती प्रकोष्ठ में सक्रिय रहकर बच्चों को पढ़ाने का काम भदेल करती थी। यानि रोजगार का भी कोई उपाय नहीं था। लेकिन भदेल ने एक एम.ए. के बाद दूसरा एम.ए. भी कर लिया। वर्ष 2000 मेें जब नगर परिषद के चुनाव हुए तो भजनगंज क्षेत्र का वार्ड एससी महिला के लिए आरक्षित हो गया। भाजपा के टिकट वितरण में भूमिका निभाने वाले औंकार सिंह लखावत ने भदेल को इस वार्ड से भाजपा का उम्मीदवार घोषित करवा दिया। भदेल ने वार्ड पार्षद का चुनाव तो जीता ही साथ ही नगर परिषद की सभापति भी चुन ली गई। इसे भदेल की तकदीर ही कहा जाएगा कि वर्ष 2000 में सभापति का पद भी एससी महिला के लिए आरक्षित रहा। सभापति बनने के बाद भदेल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 2003 में जब विधानसभा के चुनाव हुए तो भदेल को ही अजमेर पूर्व क्षेत्र का सबसे मजबूत उम्मीदवार माना गया। परिषद के सभापति के पद पर रहते हुए भदेल ने बड़ी आसानी से चुनाव जीत लिया। इसके बाद 2008 और 2013 में भी इसी विधानसभा क्षेत्र से भदेल भाजपा की विधायक चुनी गई। लगातार तीन बार विधायक बनने की वजह से ही इस बार भदेल को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री भी बनाया गया। आज भी श्रीमती भदेल भजनगंज के उसी मकान में रहती है, जिसमें पहले से निवास करती थी। भदेल की राजनीतिक सफलता में उनके पति भीम सिंह की शालीनता और शराफत का भी खास योगदान रहा। राजनीति में मंत्री के पति के तौर पर भीम सिंह की कभी चर्चा नहीं हुई। भीम सिंह अजमेर में ही तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत है। लेकिन अपने विभाग में कभी भी पत्नी के रूतबे का इस्तेमाल नहीं किया। भदेल ने राजनेता के तौर पर अपनी छवि को भी संभाल कर रखा है।
(एस.पी.मित्तल) (08-03-17)
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