किशनगढ़ नगर परिषद के आयुक्त मीणा के मामले ने तूल पकड़ा। सरकारी बंगले पर हंगामा करने वालों के खिलाफ हो सकती है कार्यवाही।

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किशनगढ़ नगर परिषद के आयुक्त मीणा के मामले ने तूल पकड़ा। सरकारी बंगले पर हंगामा करने वालों के खिलाफ हो सकती है कार्यवाही।
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अजमेर जिले की किशनगढ़ नगर परिषद के आयुक्त नारायण लाल मीणा के सिटी रोड स्थित सरकारी बंगले पर दो लड़कियों के मिलने की घटना ने अब तूल पकड़ लिया है। 2 अप्रैल को कांग्रेस की पार्षद हमीदा बानो के नेतृत्व में पार्षदों और जागरूक नागरिकों के एक शिष्टमंडल ने उपखंड अधिकारी अशोक कुमार से मुलाकात की। अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि सरकारी आवास में दो लड़कियों के मिलने को लेकर जो वारदात हुई, उसकी रिपोर्ट एक अप्रेल को ही पुलिस स्टेशन पर दी गई। लेकिन पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया, उल्टे आरोपी अधिकारी मीणा की शिकायत पर जन-प्रतिनिधियों के खिलाफ ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस का यह कृत्य पूरी तरह भेदभावपूर्ण है। जन-प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि पूरे प्रकरण में मीणा के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो किशनगढ़ में जन-आंदोलन किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर मीणा ने आरोप लगाया है कि जिन दो लड़कियों को सरकारी आवास से पुलिस ने बाहर निकाला, वे उनके परिचित की पुत्रियां हैं। चूंकि यह दोनों लड़कियां किशनगढ़ में जैन संत के दर्शन करने के लिए आई थीं। इसलिए उनके सरकारी बंगले पर भी आ गई। लड़कियां मेरे आवास पर आईं, इसकी जानकारी अजमेर के हाथीभाटा में रहने वाले लड़कियों के माता-पिता को भी है। मीणा ने आरोप लगाया है कि कुछ पार्षदों ने षडय़न्त्रपूर्वक उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसा कृत्य किया है। हालांकि मीणा के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है कि जब जन-प्रतिनिधियों ने घटना के समय मीणा को बाहर बुलाया तो वे सरकारी आवास के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर क्यों चले गए। जबकि दोनों लड़कियां अंदर ही थी। बाद में पुलिस संरक्षण में ही लड़कियों को सरकारी आवास से बाहर निकाला गया।
एस.पी.मित्तल) (02-04-17)
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