अजमेर में ओवर बिलिंग के नाम पर उपभोक्ताओं से लूट। 

अजमेर में ओवर बिलिंग के नाम पर उपभोक्ताओं से लूट। 
टाटा पावर कंपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही।
डिस्काॅम की भी मिलीभगत।
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कोई सवा साल पहले अजमेर शहर की बिजली वितरण व्यवस्था निजी क्षेत्र की कंपनी टाटा पावर ने संभाली थी। तभी से ओवर बिलिंग की शिकायतें लगातार आ रही है। ओवर बिलिंग की वजह से उपभोक्ताओं को खासी परेशानी हो रही है। विगत दिनों भी हजारी बाग सबस्टेशन पर अनेक उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन तक किया। उपभोक्ताओं का आरोप है कि ओवर बिलिंग की आड़ में लूट हो रही है। ताजा मामला अजमेर के बीके कौल नगर के उपभोक्ता राजेन्द्र प्रसाद वर्मा का है। मकान निर्माण के अवसर पर वर्मा ने काम चलाऊ (टेम्परेरी) बिजली कनेक्शन लिया। लेकिन हाल ही में वर्मा को पांच हजार 372 रुपए का बिल भेज दिया। वर्मा का कहना रहा कि पिछले कई महीनों से मौके पर निर्माण कार्य नहीं हो रही है और न ही मीटर अंदर ताले में लगा है, ओवर बिलिंग की शिकायत जब कंपनी में की गई तो पहले आनाकानी की और फिर जब उपभोक्ता ने मीटर का फोटो खींच कर ये बताया कि बिल में जो रीडिंग लिखी गई है वो मीटर में अभी तक दर्ज नहीं है। इसके बाद कंपनी ने जांच की तो ओवर बिलिंग की शिकायत सामने आई। बाद में कंपनी ने मात्र 465 रुपए का बिल वर्मा को दिया। असल में जो उपभोक्ता जागरुक होता है वह बिल की राशि कम करा लेता है, लेकिन अनेक उपभोक्ता ओवर बिलिंग का ही भुगतान कर देते हैं।  वर्मा के प्रकरण में टाटा कंपनी के कारर्पोरेट हैड आलोक श्रीवास्तव का कहना रहा कि मीटर मकान के अंदर लगा हुआ था, इसलिए एवरेज बिल दिया गया है। जबकि उपभोक्ता वर्मा का कहना है कि टेम्परेरी कनेक्शन बिजली के पोल पर ही लगा हुआ है। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने मौके पर आए बिना ही अपनी मर्जी से रीडिंग अंकित कर दी। ओवर बिलिंग को लेकर उपभोक्ताओं ने कई बार अजमेर विद्युत वितरण निगम के एमडी बीएम भामू से शिकायत की है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि डिस्काॅम के अधिकारी भी कंपनी से मिले हुए हैं। इसलिए कंपनी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती। दिखाने के लिए जनसुनवाई होती है, लेकिन इस जनसुनवाई में अधिकांश उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पाती। कंपनी और डिस्काॅम के अधिकारी कंपनी के पक्ष को ही सही मानते हैं। इस संबंध में सत्तारूढ़ भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने भी नाराजगी प्रकट की है, लेकिन इसका असर डिस्काॅम और टाटा पावर के अधिकारियों पर नहीं हुआ है। ओवर बिलिंग का खामियाजा सत्तारूढ़ पार्टी को विधानसभा के चुनाव में भी उठाना पड़ेगा।
एस.पी.मित्तल) (25-10-18)
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