राहुल गांधी के दरगाह में जियारत करने के बाद पुष्कर में पूजा अर्चना करने से क्या कांग्रेस को हिन्दुओं के वोट मिल पाएंगे?

राहुल गांधी के दरगाह में जियारत करने के बाद पुष्कर में पूजा अर्चना करने से क्या कांग्रेस को हिन्दुओं के वोट मिल पाएंगे?
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राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा के चुनाव होने हैं। माहौल गर्म होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 26 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में तीन-तीन सभाएं की हैं। राहुल गांधी ने सुबह 9 बजे अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत की और एक घंटे बाद 10 बजे हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ स्थल पुष्कर में पूजा अर्चना की। राहुल गांधी ने जितनी अकीदत के साथ दरगाह में जियारत की, उतनी ही श्रद्धा के साथ पुष्कर सरोवर के किनारे पूजा-अर्चना। चूंकि राहुल गांधी फुलटाइम राजनेता  हैं और उन्होंने चुनावी माहौल में धार्मिक रस्में की है, इसलिए उनकी जियारत और पूजा अर्चना राजनीति से जोड़ी ही जाएगी। राहुल गांधी ने भले ही अजमेर में कोई चुनावी सभा संबोधित नहीं की और न कोई बयान दिया, लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि जियारत के बाद पूजा अर्चना करने से क्या विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हिन्दुओं के वोट मिल पाएंगे? हालांकि पिछले एक दो वर्षों से राहुल गांधी भी हिन्दुओं के मंदिरों तीर्थ स्थलों पर जा रहे हैं, लेकिन 26 नवम्बर को तो एक घंटे की अवधि में राहुल गांधी ने एक मुस्लिम और हिन्दू धार्मिक स्थल की यात्रा की। दोनों धार्मिक स्थलों का विशेष महत्व हैं। भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के मुसलमानों में ख्वाजा साहब की दरगाह का खास महत्व है। जो मुसलमान किन्हीं कारणों से मक्का मदीना नहीं जा सकते, वे ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में शरीक होने आते हैं। राहुल गांधी ने सूफी परंपरा के अनुसार दरगाह में जियारत कर एक खास संदेश दिया है। इसी प्रकार राहुल गांधी ने पुष्कर में जिस पवित्र सरोवर की पूजा अर्चना की उसकी स्थापना जगत पिता ब्रह्माजी ने की थी। धार्मिक मान्यता है कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। हालांकि राहुल गांधी ने सरोवर में स्नान तो नहीं किया, लेकिन श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना जरूर की। आमतौर पर पूजा अर्चना करवाने वाले तीर्थ पुरोहित श्रद्धालु को पुष्कर जल का आचमन करने के लिए भी कहते हैं, लेकिन राहुल गांधी से सिर्फ सरोवर में दुग्धाभिषेक करने के लिए कहा गया। राहुल गांधी ने 26 नवम्बर को एक साथ जियारत और पूजा अर्चना की रस्म कर धर्म निरपेक्ष होने का उदाहरण पेश किया, लेकिन अब देखना है कि पूजा अर्चना का लाभ कांगे्रस को चुनाव में कितना मिलता है। राहुल ने सरोवर की पूजा अर्चना के बाद ब्रह्मा मंदिर के दर्शन भी किए। यहां मंदिर के पूजारी प्रज्ञानपुरी ने भगवा रंग का साफा पहनाया।
राहुल नकली जनेऊधारीः
26 नवम्बर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के मुस्लिम बहुल्य विधानसभा क्षेत्र मकराना (नागौर) में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। योगी ने कहा कि हिन्दुओं के वोट लेने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिरों के चक्कर लगा रहे हैं और स्वयं को जनेऊधारी पंडित बता रहे हैं। जबकि राहुल के परनाना ने कहा था कि मैं एक्सीडेंटली हिन्दू हंू। योगी ने कहा कि राहुल गांधी हिन्दू होने का दिखावा कर रहे हैं, जबकि सब जानते हैं कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कहा था कि देश संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। योगी ने कहा कि पहला अधिकार मुसलमानों का है तो फिर हिन्दू कहां जाएगा? हिन्दू के सरल स्वभाव का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि नागपंचमी के दिन सांप को भी दूध पिलाता है। कांग्रेस के शासन में आतंकियों को बिरयानी खिलाई जाती थी, आज नरेन्द्र मोदी के शासन में आतंकियों को गोली खिलाई जा रही है। देश में प्राकृतिक आपदा आने पर राहुल गांधी को नानी याद आ जाती है और वे इटली चले जाते हैं, जबकि पीड़ित लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता मौजूद रहते हैं। राजस्थान के लोगों को मध्यप्रदेश और छत्तसीगढ़ के मतदाताओं का अनुसारण करना चाहिए। इन दोनों राज्यों के मतदाता हरबार भाजपा की सरकार बनाते हैं, ताकि विकास की गति बनी रहे। उल्लेखनीय है कि मकराना से कांगे्रस के जाकिर हुसैन जैसावत उम्मीदवार है, जबकि भाजपा ने रूपाराम पुरावलिया को उम्मीदवार बनाया है।
एस.पी.मित्तल) (26-11-18)
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