डाॅ दीपक भाकर की सक्रियता ने अजमेर के भाजपा नेताओं को चैंकाया।

डाॅ दीपक भाकर की सक्रियता ने अजमेर के भाजपा नेताओं को चैंकाया। लोकसभा चुनाव में दावेदारी ।
=======
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ दीपक भाकर की अजमेर में राजनीति सक्रियता ने भाजपा के नेताओं को चैंका दिया है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए देहात जिला अध्यक्ष बीपी सारस्वत, पूर्व जिला पुखराज पहाड़िया, पूर्व विधायक भागीरथ च ौधरी आदि तो लाइन में लगे हुए है, लेकिन दीपक भाकर एक मात्र ऐसे दावेदार हैं जिन्होंने चुनाव प्रभार भी शुरू कर दिया है। आॅटो रिक्शा से लेकर प्रमुख चैराहों पर बड़े हार्डिंग लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा आगे रखकर डाॅ भाकर भाजपा का धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। अजमेर से अपनी उम्मीदवारी के लिए डाॅ भाकर भाजपा संसदीय बोर्ड के अधिकांश नेताओं से मिल चुके हैं। संघ पृष्ठ भूमि के माने जाने वाले डाॅ भाकर अजमेर के जेएलएन मेडिकल काॅलेज में ही पढ़े हैं और इन दिनों प्रवक्ता की हैसियत से टीवी चैनलों पर भाजपा का पक्ष मजबूती के साथ रखते है। जाट समुदाय का होने के कारण डाॅ भाकर को लगता है कि अजमेर से आसानी से जीत हो जाएगी। वैसे भी भाजपा के लिए अजमेर को सुरक्षित माना जा रहा है। हाल ही के विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। डाॅ भाकर भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से लगातार सम्पर्क में हैं। डाॅ भाकर को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का संरक्षण भी माना जाता है। बड़े नेताओं के इशारे पर ही डाॅ भाकर अजमेर में सार्वजनिक तौर पर सक्रिय हुए हैं।
लम्बी लाईन:
इस बार अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा में दावेदारों की लम्बी लाइन हैं। विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से भाजपा के प्रत्याशी रहे विकास च ौधरी और पूर्व विधायक भागीरथ च ौधरी भी मजबूती के  साथ दावेदारी जता रहे है। पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिया को उम्मीद है कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर की मदद से टिकिट मिल ही जाएगा। भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत को स्वयं को पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता मानते हैं। सारस्वत पिछले पांच वर्ष से जिलाध्यक्ष के पद पर हैं और उन्हें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है। वैश्य समुदाय की दुहाई देकर अजमेर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. शिवशंकर हेड़ा भी दावेदारी जता रहे हैं। ओबीसी मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश भडाना भी पीछे नहीं है। गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले भडाना का कहना है कि अजमेर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के प्रभाव को वे ही तोड़ सकते हैं। पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गैना, युवा नेता सुभाष काबरा, केकड़ी के पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम आदि भी दावेदारी जता रहे है।
पलाड़ा राजसमंद की ओर:
हालांकि वरिष्ठ नेता भंवर सिंह पलाड़ा पूर्व में अजमेर से ही दावेदारी जता रहे थे, लेकिन जातीय समीकरणों को देखते हुए पलाड़ा अब राजसमंद संसदीय क्षेत्र पर नजर लगाए हुए हैं। पलाड़ा का मानना है कि अजमेर के मुकाबले में राजसमंद में जीत आसान होगी। राजसमंद को राजपूत बहुल्य माना जाता है। राजसमंद संसदीय क्षेत्र में ही अजमेर जिले का ब्यावर आता है। इसी प्रकार नागौर जिले के भी दो बड़े विधानसभा क्षेत्र आते हैं। चूंकि पलाडा पूर्व में नागौर में सक्रिय रहे, इसलिए पलाड़ा के समर्थकों का मानना है कि पलाड़ा की जीत आसान है। राजसमंद में पलाड़ा का कारोबार भी है।
एस.पी.मित्तल) (24-01-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...