कांग्रेस के उम्मीदवारों की दौड़ में अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र          च ौधरी आगे।

कांग्रेस के उम्मीदवारों की दौड़ में अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र          च ौधरी आगे।
अगस्त में शुरू हो जाएगा डेयरी का नया प्लांट।
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लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस में उम्मीदवारों की दौड़ में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर जो ग्राउंड लेबल सर्वे हुआ उसमें सर्वाधिक अंक च ौधरी को मिले बताए। ऐसा सर्वे पंचायती राज और स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों एवं संसदीय क्षेत्र के जागरुक व्यक्तियों के बीच करवाया गया। अधिकांश लोगों ने माना कि डेयरी के नेटवर्क की वजह से च ौधरी की सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र में पहचान है, बल्कि उन्हें पशुपालकों का मददगार भी माना जाता है। च ौधरी 28 वर्ष पहले अजमेर डेयरी के अध्यक्ष बने थे और आज तक अध्यक्ष पद पर कायम हैं। पहली बार अब डेयरी अध्यक्ष बने तो कारोबार मत्र ढाई करोड़ रुपए का था और आज अजमेर डेयरी सात सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कारोबार कर रही है। 250 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले नए प्लांट में अगस्त माह में उत्पादन शुरू हो जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अजमेर डेयरी देश की एक मात्र ऐसी डेयरी है जिसके अधिकांश दुग्ध संग्रहण केन्द्रों पर आॅटोमेटिक मशीने लगी हुई है। इन मशीनों से दूध की शुद्धता मापी जाती है। इतना ही नहीं दूध को ठंडा करने के सयंत्र भी अधिकांश केन्द्रों पर लगे हुए हैं। दूध और उससे बने उत्पादक घी, पनीर, चीज, छाछ आदि तो अमूल डेयरी से भी बेहतर माने जाते हैं। जिले भर के पशुपालक भी मानते हैं कि च ौधरी ने पूरी ईमानदारी से डेयरी का कामकाज किया है। प्रदेश में सरकार किसी भी दल की रही हो, लेकिन च ौधरी ने पशु पालकों के हित में भूमिका निभाई है। एक फरवरी से प्रदेश के पशुपालकों को प्रतिलीटर दो रुपए अनुदान मिलना शुरू हो गया है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनते ही च ौधरी ने अनुदान का मामला प्रभावी तरीके से उठाया था। अजमेर संसदीय क्षेत्र में करीब 11 सौ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां हैं और इन समितियों से लाखों ग्रामीण सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। च ौधरी कांग्रेस में लम्बे अर्से से सक्रिय रहे हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांध्ी और फिर सोनिया गांधी के साथ भी च ौधरी की सक्रियता रही है। जाति के हिसाब से भी च ौधरी की स्थिति को मजबूत माना जा रहा है। गत लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रदेशभर में आठ जाट उम्मीदवार उतारे गए। जानकारों सूत्रों के अनुसार दो संसदीय क्षेत्रों में अ जाट उम्मीदवार संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में अजमेर में जाट उम्मीदवार की संभावना बढ़ गई है। किशनगढ़, नसीराबाद और दूदू विधानसभा क्षेत्रों को जाट बाहुल्य माना जाता है। इसके अलावा तीन अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी जाट मतदाताओं की संख्या अधिक है।
एस.पी.मित्तल) (25-02-19)
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