सरकारी मेहमाननवाजी में फारुख और उमर अब्दुल्ला स्वस्थ हैं।

सरकारी मेहमाननवाजी में फारुख और उमर अब्दुल्ला स्वस्थ हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने पिता-पुत्र से मुलाकात की।
सभी प्रयोजित खबरें झूठी निकली। 

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6 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला से उन्हीं की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के 15 नेताओं ने मुलाकात की। इस मुलाकात की इजाजत राज्यपाल सतपाल मलिक ने दी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के समय से ही पिता-पुत्र नजरबंद हैं। फारुख अब्दुल्ला श्रीनगर स्थित अपने सरकारी आवास तथा उमर अब्दुल्ला स्टेट गेस्ट हाउस में चार अगस्त से नजरबंद हैं। दोनों की नजरबंदी को लेकर प्रयोजित खबरों में कहां जा रहा था कि फारुख अब्दुल्ला बीमार हैं और उमर अब्दुल्ला परेशान हैं। लेकिन ऐसी सभी खबरें छह अक्टूबर को झूठी निकली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह राणा ने मुलाकात के बाद कहा कि फारुख और उमर अब्दुल्ला दोनों  स्वस्थ हैं। यानि सरकारी मेहमाननवाजी में दोनों नेताओं को कोई परेशानी नहीं है। राणा का यह भी कहना रहा कि अब सरकार को इन दोनों नेताओं को रिहा कर कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति करने की पहल करनी चाहिए। फारुख अब्दुल्ला के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने फोटो भी खींचवाया जिसमें फारुख अपनी अंगुलियों से जीत का निशान दिखा रहे हैं।
इमरान का बयान भी झूठा :
6 अक्टूबर को फारुख और उमर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 नेताओं की मुलाकात के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भी बयान झूठा साबित हो गया है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के दो माह पूरे होने पर पांच अक्टूबर को इमरान ने बयान जारी कर कहा था कि कश्मीरियों पर अमानवीय कफ्र्यू लगाकर जुल्म किया जा रहा है। अब जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष ने ही फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को स्वस्थ बता दिया है तो इमरान खान के बयान पर सवालिया निशान लगता है? सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र में सामान्य स्थिति हैं। कश्मीर घाटी के पांच छह जिलों में धारा 144 के अंतर्गत कुछ पाबंदिया लगा रखी हैं, ऐसी पाबंदियां भी आतंकी वारदातों को रोकने के लिए हैं। पाकिस्तान लगातार यह प्रयास कर रहा है कि घाटी में किसी तरह आतंकी वारदात करवाई जाए। 6 अक्टूबर को ही घाटी से सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को जिंद गिरफ्तार किया गया है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में कई आतंकी सुरक्षा बलों के मारे गए हैं। लेकिन सुरक्षा बलों को कश्मीरी नागरिकों पर गोली चलाने की नौबत नहीं आई है। सुरक्षा लों की कार्यवाही में पांच अगस्त से अब तक एक भी कश्मीरी नागरिक हताहत नहीं हुआ है। इससे जाहिर होता है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जो इंतजाम किए हैं वे सफल हैं। धीरे धीरे कश्मीर घाटी के इलाकों में भी जनजीवन सामान्य हो रहा है। मालूम हो कि पिछले दिनों जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती से भी उनकी पुत्री ने मुलाकात की थी।
एस.पी.मित्तल) (06-10-19)
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