धर्मेन्द्र गहलोत बने रहेंगे अजमेर के मेयर। अदालत ने शेखावत की चुनाव याचिका खारिज की। सबसे पहले मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज का आशीर्वाद लिया।

#2013
धर्मेन्द्र गहलोत बने रहेंगे अजमेर के मेयर। अदालत ने शेखावत की चुनाव याचिका खारिज की। सबसे पहले मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज का आशीर्वाद लिया।
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भाजपा के धर्मेन्द्र गहलोत ही अजमेर के मेयर बने रहेंगे। 30 नवंबर को एडीजे जय प्रकाश शर्मा ने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह शेखावत की चुनाव याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश शर्मा ने अपने फैसले में मेयर चुनाव की लॉटरी दो बार निकालने, चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दखलअंदाजी, पार्षद अमान चिश्ती के दोषपूर्ण वोट आदि के आरोपों को सही नहीं माना। अदालत ने अपने फैसले में निर्वाचन अधिकारी हरफूल सिंह यादव के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि मेयर चुनाव की प्रक्रिया सही प्रतीत होती है। फैसले की सबसे खास बात यह रही कि अदालत में चुनाव प्रक्रिया की सीडी को आधार नहीं माना। पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सीडी को संदिग्ध बताया गया था। इसी प्रकार लोक अभियोजक अजय वर्मा ने यह तर्क दिया था कि दोनों उम्मीदवारों को 30-30 मत मिलने पर कोई विवाद नहीं रहा। दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई थी। जहां तक लोट (लॉटरी) का सवाल है तो निर्वाचन अधिकारी की अधिकृत घोषणा को ही अंतिम निर्णय माना जाएगा। अधिकृत घोषणा से पहले की कार्यवाही सिर्फ चुनावी प्रक्रिया ही मानी जाएगी। बचाव पक्ष का ये तर्क भी शेखावत की याचिका को खारिज करवाने वाले रहे।
चम्पालाल महाराज का लिया आशीर्वाद
अदालत के फैसले के समय मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और उनकी पत्नी श्रीमती हेमा गहलोत मौजूद रहीं। हालांकि शेखावत अदालत नहीं आए। सायं 4 बजे अदालत का फैसला आया। फैसला सुनते ही गहलोत दंपति अदालत परिसर से ही राजगढ़ स्थित मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंच गए। गहलोत दंपति ने अपनी सफलता के पीछे महाराज के आशीर्वाद को ही माना। महाराज ने भी कहा कि गहलोत दंपति भैरव धाम के प्रति सच्चे मन से श्रद्धा रखते हैं, इसलिए विपरित परिस्थितियों में भी सफलता मिल जाती है। मालूम हो कि मेयर चुनाव के दिन भी हेमा गहलोत सुबह से ही अन्न, जल त्याग कर निगम परिसर में मौजूद थी। चुनाव परिणाम आते ही गहलोत दंपति ने सबसे पहले चम्पालाल महाराज का आशीर्वाद लिया। पानी भी महाराज के हाथों से पिया। वैसी ही श्रद्धा गहलोत दंपति ने 30 नवंबर को अदालत के फैसले के बाद दिखाई।
न्याय की जीत – गहलोत
अदालत के फैसले पर गहलोत ने कहा कि यह न्याय की जीत है। इससे यह बात साफ हो गई है कि चुनाव प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी। अदालत के फैसले ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद मैं मेयर का काम और मुस्तैदी के साथ करूंगा। आने वाले दिनों में अजमेर को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा।
फैसला यहां देंखे: मेयर चुनाव प्रकरण पर अदालत का फैसला वेबसाइट www. ecourts.gov.in/Ecourts/ajmer पर देंखे।

(एस.पी.मित्तल) (30-11-16)
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