अब कांग्रेस बताए कि सीएम वसुंधरा राजे क्या गलत बयानी कर रहीं हैं। सिर्फ आरोप लगाने से काम नहीं चलेगा। ========================

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5 जनवरी को राजस्थान के भरतपुर संभाग मुख्यालय पर सीएम वसुंधरा राजे ने अपनी सरकार के तीन वर्ष के कामकाज का ब्योरा प्रस्तुत किया। जनवरी माह में सीएम राजे प्रदेश के सभी 6 संभाग मुख्यालय पर ऐसे आयोजन कर रही हैं। विकास कार्य के उद्घाटन एवं शिलान्यास के बाद भरतपुर में सीएम ने आंकड़ों के साथ बताया कि जो काम पिछली कांग्रेस सरकार ने पांच वर्ष में नहीं किए वो मेरी सरकार ने तीन वर्ष में कर दिए हैं। सीएम राजे सिर्फ अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के आंकड़े नहीं बता रही, बल्कि कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के आंकड़े भी बता रही हंै। एक तरह से सीएम ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट बार-बार आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस के शासन में विकास की जो शुरुआत हुई उसे अब बंद कर दिया गया है। कांग्रेस विपक्ष में है। इसलिए उसे सत्तापक्ष पर आरोप लगाने का अधिकार है। लेकिन ऐसे आरोप यदि तथ्यपूर्ण हों तो जनता को भी यह पता चला कि सरकार की ओर से क्या गलत बयानी हो रही है। सीएम राजे ने संभाग मुख्यालय पर जाकर अपनी सरकार और कांगे्रस सरकार के कामकाज की तुलना शुरू कर दी है। इसलिए अब कांग्रेस को भी संभाग मुख्यालय पर जाकर यह बताना चाहिए कि सरकार क्या-क्या गलत बयानी कर रही है। 5 जनवरी को सीएम राजे ने प्रदेशभर की योजनाओं की तुलना कांग्रेस की सरकार से तो की ही, साथ ही बताया कि भरतपुर में भी कांग्रेस के पांच वर्ष के शासन के मुकाबले तीन वर्ष में कितनी ज्यादा राशि खर्च की गई है। पिछले दिनों गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विकास के मुद्दे पर कांग्रेस को खुली बहस की चुनौती दी थी। नेताओं के गड़बड़ झाले में ऐसी बहस नहीं हो सकी। लेकिन अब सीएम राजे ने आंकड़ों की जो शुरुआत की है, उसका राजनीतिक फायदा कांग्रेस उठा सकती है। यदि कांग्रेस ने आंकड़ों का जवाब नहीं दिया तो यह माना जाएगा कि सीएम राजे जो बोल रही है, वह सही है। देखना है कि सीएम राजे की इस चुनौती को कांग्रेस किस तरह स्वीकार करती है।
एस.पी.मित्तल) (05-01-17)
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