अजमेर नगर निगम की सीईओ के खिलाफ पहले निंदा प्रस्ताव पास फिर निरस्त किया।
अजमेर क्लब की भूमि के दुरुपयोग की भी जांच होगी।
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15 फरवरी को अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में 37146.87 लाख रुपए का वार्षिक बजट स्वीकृत कर दिया। साधारण सभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के पार्षदों ने निगम की सीईओ चिनमया गोपाल की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। पार्षदों का कहना रहा कि सीईओ 14 फरवरी को भी सभा में उपस्थित नहीं हुई थी। सीईओ की गैर मौजूदगी पार्षदों का अपमान है। इस पर पार्षदों ने सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर दिया। कुछ देर बाद सीईओ गोपाल सभा में उपस्थित हो गई तब मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का कहना रहा कि अब निंदा प्रस्ताव को निरस्त कर दिया जाना चाहिए। सभा में गोपाल का कहना रहा कि 14 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अजमेर आने की वजह से विश्राम स्थली पर व्यस्त थी तथा 15 फरवरी को कलेक्टर की मीटिंग में चली गई। उन्होंने कहा कि पार्षदों का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं है। इस पर सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया।
अजमेर क्लब की जांच होगी:
साधारण सभा में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने पार्षदों को भरोसा दिलाया कि अजमेर क्लब द्वारा नगर निगम की भूमि के दुरुपयोग के मामले की जांच करवाई जाएगी। पार्षदों ने आरोप लगाया था कि निगम ने जो जमीन रियायती दर पर क्लब की लीज पर दी है, उसका क्लब के प्रबंधक दुरुपयोग कर रहे हैं। क्लब में शादी समारोह आयोजित कर प्रतिमाह लाखों रुपया कमाया जाता है। क्लब परिसर में ही बार भी धड़ल्ले से चल रही है। जिस उद्देश्य के लिए क्लब को जमीन दी गई वह पूरा नहीं हो रहा है। सभा में हसबैंड स्कूल के सभागार को रातों रात चर्च में तब्दील कर दिए जाने पर भी चर्चा हुई। चूंकि स्कूल की जमीन भी निगम ने लीज पर दी है इसलिए जमीन पर चर्च का निर्माण नहीं हो सकता है। हालांकि इस संबंध में स्कूल को चलाने वाली संस्था का कहना है कि स्कूल बंद होने की कगार पर है, इसलिए सभागार में धार्मिक शिक्षा दी जा रही है।