पायलट के हवाई दौरे के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का अजमेर में जमीनी दौरा। 

पायलट के हवाई दौरे के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का अजमेर में जमीनी दौरा। 
बैंसला का गुर्जर बहुल्य गांवों पर फोकस। 
सरकार से वार्ता का अब क्या मतलब है? विजय बैंसला।
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22 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अजमेर संसदीय क्षेत्र का हैलीकॉप्टर से दौरा किया और एक दिन में फटाफट 6 चुनावी सभाओं को संबोधित कर दिया। पायलट के इस हवाई दौरे के बाद 23 अप्रैल को राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसल का अजमेर में जमीनी दौरा रहा। स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बाद भी बैंसला ने अजमेर में नसीराबाद और पुष्कर विधानसभा क्षेत्रों के गुर्जर बहुल्य गांवों का सघन दौरा किया। बैंसला का कहना रहा कि गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण दिलवाने में कांग्रेस की सरकार ने प्रभावी कार्यवाही नहीं की। सचिन पायलट की ओर इशारा करते हुए बैंसला ने कहा कि ऐसे लोग गुर्जर समुदाय के वोटों पर मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब तो देखते हैं, लेकिन समाज के लिए कुछ नहीं करते। विधानसभा चुनाव में गुर्जर समुदाय ने कांगे्रस के लिए क्या नहीं किया, लेकिन सरकार बनने पर गुर्जरों को कुछ नहीं मिला। बैंसला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसी एक समुदाय का सवाल नहीं है यह चुनाव देश के लिए महत्व रखता है। मैं एक सैनिक हंू और मुझे पता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को मजबूत करने के लिए कितना कार्य किया है। आज पूरा देश चाहता है कि नरेन्द्र मोदी दोबारा से प्रधानमंत्री बने। मैं भी इसी प्रयास में लगा हंू। हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसमें हर नागरिक स्वयं को सुरक्षित समझे। मोदी आम आदमी के दर्द को समझते हैं। मोदी ने जहां दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया वहीं आर्थिक दृष्टि से देश को मजबूती प्रदान की। बैंसला ने आगामी 29 अप्रैल को अजमेर से भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी को वोट देने की अपील की।
गुर्जर बहुल्य गांवों पर फोकस:
कर्नल बैंसला के साथ उनके पुत्र विजय बैंसला भी साथ रहे। अजमेर के भाजपा नेताओं ने विजय बैंसला के साथ ही चुनावी रणनीति के तहत ही कर्नल बैंसला की सभाएं गुर्जर बहुल्य गांवों में ही करवाई। कर्नल को सुनने के लिए दूर दराज से भी ग्रामीण आए। भाजपा नेताओं को इस बात पर संतोष रहा कि कर्नल बैंसला का गुर्जर समुदाय पर आज भी खासा असर है। यही वजह रही कि गांवों में कर्नल का जोरदार स्वागत हुआ। अजमेर संसदीय क्षेत्र में पुष्कर और नसीराबाद को गुर्जर बहुल्य माना जाता है। कर्नल बैंसला के दौरे में पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत और नसीराबाद के विधायक रामस्वरूप लाम्बा भी साथ रहे। भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष बीपी सरस्वत और ओबीसी मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश भडाना भी साथ रहे। गुर्जर समुदाय को आरक्षण दिलाने में भडाना भी कर्नल बैंसला के साथ संघर्ष करते देखे गए हैं। भाजपा प्रत्याशी चौधरी ने भीषण गर्मी में चुनावी दौरे के लिए कर्नल बैंसला का आभार जताया। दौरे में सुआलाल गुंजल, जयदीप सिंह, रामा प्रधान, भैरू गुर्जर, गोपाल गुर्जर, भोलाराम गुर्जर, सावताराम कुवाड़ा आदि ने भी बैंसला का जगह-जगह स्वागत किया। अजमेर लोकसभा क्षेत्र के संयोजक विधायक सुरेश रावत ने बैंसला के दौरे को प्रभावी बताया।
वार्ता का क्या तुक-विजय बैंसला:
कर्नल बैंसला के पुत्र और आरक्षण आंदोलन की कमान संभालने वाले विजय बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार से होने वाली वार्ता को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। जब विधानसभा में बिल पास हो गया है तो अब कांग्रेस सरकार की जिम्मेदारी है कि इसे केन्द्र 9वीं अनुसूची में शामिल करवा कर गुर्जरों को लाभ दिलवावे। वैसे भी विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषण पत्र में वायदा किया है। तब प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा सचिन पायलट थे। गुर्जर समुदाय ने कांग्रेस को भरपूर वोट दिए। अब पायलट का नैतिक दायित्व बनता है कि वे गुर्जरों को आरक्षण दिलवावें। जब पायलट स्वयं सरकार में डिप्टी सीएम है, तब वार्ता का क्या मतलब है। कांग्रेस की सरकार अपना वायदा निभाए। बिल के पास होने पर पायलट ने कहा था कि हमारा बिल फुलप्रूफ है। यह किसी भी कोर्ट में नहीं अटकेगा। सरकार ने इसमें लिखित में समझौता भी किया है। ऐसे में अब कोई वार्ता मायने नहीं रखती है। कर्नल बैंसला ने देशभक्ति की भावना से भाजपा को समर्थन दिया है।
एस.पी.मित्तल) (23-04-19)
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