चार महिला आईएएस के प्रकरण में जांच अधिकारी नहीं बदलेगा।

चार महिला आईएएस के प्रकरण में जांच अधिकारी नहीं बदलेगा।
कांग्रेस नेता राजेश टंडन की याचिका पर 12 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई संभव।
जांच में पुलिस की जल्दबाजी पर सवाल।

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अजमेर में नियुक्त महिला आईएएस अधिकारी के विरुद्ध अश्लील और अपमानजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील राजेश टंडन ने 11 फरवरी को जयपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इस याचिका में चार महिला आईएएस द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने का आग्रह किया गया है। टंडन की इस याचिका पर 12 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। इधर अजमेर में जांच अधिकारी डॉ. प्रियंका रघुवंशी ने टंडन को पूछताछ करने के लिए जो नोटिस दिया उसकी अवधि 12 फरवरी को समाप्त हो रही है। इस नोटिस के अनुरूप टंडन को पक्ष रखने के लिए 12 फरवरी तक जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना है। यदि 12 फरवरी को टंडन पुलिस के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो गिरफ्तारी जैसी कार्यवाही भी हो सकती है। टंडन के लिए यह भी मुसीबत है कि यदि 12 फरवरी को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है तो उन्हें अजमेर जिला न्यायालय में आग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र दायर करना होगा।
निष्पक्ष अधिकारी से जांच करवाने की मांग:
बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष चिरंजीलाल सैनी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और अजमेर रेंज के आईजी को पत्र लिखकर मांग की है कि राजेश टंडन के प्रकरण में किसी निष्पक्ष अधिकारी से जांच करवाई जाए। सैनी ने अपने पत्र में टंडन के पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि शिकायतकर्ता अधिकारी और अन्य अधिकारी जांच अधिकारी पर दबाव बना रहे हैं। टंडन ने अपने पत्र में आईएएस अधिकारियों द्वारा दर्ज एफआईआर को झूठा बताया है।
पुलिस की जल्दबाजी पर सवाल:
वहीं राजेश टंडन की ओर से जांच में पुलिस की जल्दबाजी पर भी सवाल उठाए हैं। चार महिला आईएएस अधिकारियों ने तीन फरवरी को अलग अलग थानों पर एफआईआर दर्ज करवाई। जांच अधिकारी ने तीन दिन के अंतराल में ही महिला अधिकारियों के बयान धारा 164 में कोर्ट में करवा दिए। 9 फरवरी को सीआरपीसी की धारा 41 में नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस ने नोटिस में मात्र चार दिन का समय दिया। पुलिस अब जल्दबाजी में ही अदालत में चालान पेश करना चाहती है, क्या ऐसी जल्दबाजी दर्ज अन्य प्रकरणों में भी की जाती है? गंभीर अपराध के आरोपी को भी बचाव का अवसर दिया जाता है। इस आईएएस अधिकारियों से जुड़े मामले में पुलिस जरुरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखा रही है।
जांच अधिकारी में बदलाव नहीं:
वहीं अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट डालने के प्रकरण में जांच अधिकारी नहीं बदला जाएगा। अजमेर उत्तर क्षेत्र की डीएसपी डॉ. प्रियंका रघुवंशी बगैर किसी दबाव के निष्पक्ष जांच कर रही हैं। नियमों के अंतर्गत ही शिकायतकर्ताओं के बयान कोर्ट में करवाए गए हैं। आरोपी को अपनी बात कहने का पूरा हक है, इसलिए धारा 41 का नोटिस जारी कर राजेश टंडन को तलब किया गया है। पुलिस निष्पक्षता और नियमों के अंतर्गत जांच कर रही है, इसलिए तो नोटिस देकर बुलाया जा रहा है। आरोपी को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जा रहा है। पुलिस की जांच अब अंतिम चरण में हैं। पुलिस ने सभी एंगल से जांच की है। जांच अधिकारी पर कोई दबाव नहीं है।
(एस.पी.मित्तल) (11-02-2020)
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