ख्वाजा उर्स में सरकार की मेला गाइड लाइन की पालना करवाना अजमेर प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण। दरगाह के गेटों पर नहीं हो सकती रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच। खादिम समुदाय को अभी तक भरोसे में नहीं लिया। जायरीन के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रशासन ने वेबसाइट की जानकारी सार्वजनिक की। कोरोना टेस्ट करवाना होगा। उर्स में देग ठेका 2 करोड़ 7 लाख में दिया।

अजमेर में भरने वाले ख्वाजा साहब के उर्स के शुरू होने में जब मात्र 6 दिन रह गए हैं, तब अजमेर प्रशासन ने जायरीन के रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट की जानकारी सार्वजनिक की है। जिला कलेक्टर प्रकाश पुरोहित का कहना है कि उर्स में आने वाले प्रत्येक जायरीन के लिए वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही पेश दस्तावेज़ों की जांच करने के बाद रजिस्ट्रेशन होने की सूचना मोबाइल पर दी जाएगी। इस सूचना के आधार पर ही जायरीन दरगाह में जियारत कर सकेगा। कलेक्टर ने माना कि दरगाह के गेटों पर रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच करना बहुत मुश्किल है। लेकिन इस संबंध में पुलिस से विचार विमर्श कर कोई निर्णय लिया जाएगा। पार्किंग स्थलों, विश्राम स्थली आदि पर भी रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच की जा सकती है। वहीं जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा ने माना कि सरकार की गाइड लाइन की सूचना विलम्ब से प्राप्त हुई है। इसलिए गाइड लाइन की पालना करवाने में थोड़ी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का संक्रमण है,इसलिए जायरीन को भी सतर्कता बरतने की जरुरत है। रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच किन पॉइंटों पर होगी, इस संबंध में जिला प्रशासन के साथ विचार विमर्श किया जाएगा। शर्मा ने देश भर के बुजुर्ग जायरीन से आग्रह किया है कि वे इस बार उर्स में भाग लेने के लिए अजमेर न आए। उन्होंने कहा कि पुलिस का पूरा प्रयास रहेगा कि छह दिवसीय उर्स के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे और जायरीन को कोई असुविधा नहीं हो।

प्रशासन की वेबसाइट:

अजमेर में भरने वाले ख्वाजा साहब के उर्स में शामिल होने के लिए जायरीन कोursfair2021.boitcajmer.in वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए जायरीन के नाम पते के साथ साथ कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी अप लोड करनी होगी। प्रशासन दस्तावेज़ों की जांच करने के बाद मोबाइल पर ही रजिस्ट्रेशन होने की सूचना संबंधित जायरीन को देगा। इस सूचना के आधार पर ही जायरीन को जियारत के लिए दरगाह में प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन प्रशासन के लिए दरगाह के तीनों प्रमुख गेटों पर रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच संभव नहीं है। दरगाह में उर्स के दौरान बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं, यदि एक एक जायरीन के रजिस्ट्रेशन की जांच की गई तो दरगाह के बाहर लम्बी कतारें लग जाएगी। प्रशासन में इस संबंध में अभी तक भी दरगाह के खादिम समुदाय को भरोसे में नहीं लिया है। खादिमों की प्रतिनिधि संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने बताया कि जायरीन के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता की जानकारी खादिम समुदाय को नहीं दी गई है। इस संबंध में प्रशासन ने अभी तक भी खादिमों के प्रतिनिधियों से कोई बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि दरगाह के गेटों पर रजिस्ट्रेशन की प्रमाणिकता की जांच किसी भी स्थिति में नहीं हो सकती।

देेग का ठेका 2 करोड़ 7 लाख रुपए में:

अंजुमन के सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने बताया कि ख्वाजा साहब की दरगाह के अंदर रखी दोनों ऐतिहासिक देेगों का ठेका इस बार 2 करोड़ 7 लाख रुपए में दिया गया है। यह ठेका सिर्फ उर्स के पन्द्रह दिनों के लिए दिया गया है। ठेका 8 फरवरी से 21 फरवरी तक की अवधि के लिए हाजी इफतेखार को दिया गया है। 

 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2021)

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