अजमेर के मित्तल अस्पताल में 60 वर्षीय महिला की किडनी में फंसे 100 पत्थरों को निकाला। इलाज भी नि:शुल्क हुआ। किडनी और पेट में पत्थर नहीं बने इसलिए रोजाना 4 लीटर पानी पीना चाहिए-डॉ. संतोष जाखड़।

कल्पना कीजिए कि किसी 60 वर्षीय महिला की किडनी में छोटे बड़े आकार के 100 पत्थर जमा हो और चिकित्सक किडनी को निकालने की सलाह दें, तब ऐसी महिला की मानसिक स्थिति कैसी होगी? कुछ ऐसी ही मानसिकता को दर्द की पीड़ा को लेकर अजमेर के रेलवे बिसिट क्षेत्र में रहने वाली एक महिला पिछले दिनों अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के पथरी, प्रोस्टेट एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार जाखड़ से मिली। पहली नजर में तो डॉ. जाखड़ को भी लगा कि पूरी किडनी ही बाहर निकालनी होगी, क्योंकि पूरी किडनी में ही पत्थर जमा हो गए थे, लेकिन डॉ. जाखड़ चाहते थे कि महिला के शरीर में दोनों किडनी बनी रहें। इसलिए डॉ. जाखड़ ने चिकित्सीय चुनौती को स्वीकार करते हुए महिला की किडनी से पत्थर निकालने का ही निर्णय लिया। डॉ. जाखड़ ने पांच सेंटीमीटर का चीरा लगा कर किडनी में फंसे पत्थरों को एक एक कर बाहर निकाला। कोई तीन घंटे तक डॉ. जाखड़ ने जटिल ऑपरेशन कर सभी 100 पत्थर बाहर निकाल लिए। अब यह महिला पूर्ण रूप से स्वास्थ्य है और मित्तल अस्पताल के डॉ.संतोष कुमार जाखड़ को भगवान का स्वरूप मान कर दुआएं दे रही है। डॉ. जाखड़ का भी कहना है कि यह ऑपरेशन बेहद कठिन था, लेकिन ईश्वर की कृपा से सफल रहा। इसमें मित्तल अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रशिक्षित नर्सिंग कर्मियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

चार लीटर पानी रोजाना पीएं:

डॉ. जाखड़ ने कहा कि शरीर में पत्थर बनने का कारण खान पान और कम पानी पीना है। लोगों को ऐसी वस्तुएं नहीं खानी चाहिए जिनसे स्टोन बनते हैं। इसके लिए जरूरी है कि शुद्ध वस्तुओं का ही सेवन किया जाए। भोजन के साथ सलाद जरूर खाना चाहिए। डॉ. जाखड़ ने कहा कि मनुष्य को रोजाना चार लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी के अभाव में शरीर के अंदर के दूषित तत्व पत्थर बन जाते हैं, लेकिन यदि हम ज्यादा पानी पीएंगे तो ऐसे दूषित तत्व पेशाब के जरिए बाहर निकल जाएंगे। इससे आपका शरीर स्वस्थ्य रहेगा। ज्यादा पानी पीना सिर्फ पथरी रोग से ही नहीं बचाता बल्कि अन्य रोगों से बचाता है। चार लीटर पानी पीने के बाद दिन भर में सात आठ बार मूत्र का त्याग करना चाहिए।

महिला का नि:शुल्क इलाज:

मित्तल अस्पताल के निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि जिस 60 वर्षीय महिला की किडनी से 100 पत्थर निकाले, उससे कोई फीस नहीं ली गई। चूंकि महिला रेलवे अस्पताल से रेफर होकर आई थीं, इसलिए महिला के इलाज का खर्च रेलवे ने वहन किया। मित्तल अस्पताल रेल कर्मचारियों के इलाज के लिए अधिकृत है। इसी प्रकार सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में भी ज़रूरतमंद व्यक्तियों का इलाज नि:शुल्क किया जाता है। आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी मित्तल अस्पताल में उपलब्ध करवाया जा रहा है। अस्पताल परिसर में कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह पालन हो रहा है, ताकि मरीज और उसके रिश्तेदारों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप कोरोना की वैक्सीन भी पात्र व्यक्तियों के लगाई जा रही है। इस संबंध में और अधिक जानकारी अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी संतोष गुप्ता से मोबाइल नम्बर 9116049809 पर ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-03-2021)

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