श्रीकृष्ण जन्म भूमि क्षेत्र में अपने समर्थकों को एकत्रित कर राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को सीधी चुनौती दी। जन्म दिन के बहाने राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन सांसद, विधायक और पूर्व जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में जुटे। भरतपुर की सभा में वसुंधरा राजे ने अपने राजनीतिक इरादे स्पष्ट कर दिए। अजमेर के पूर्व सभापति शेखावत की जेब कटी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सांवरिया सेठ और त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन किए।

भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, तब 7 मार्च को उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र में अपने हजारों समर्थकों को एकत्रित कर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को सीधी चुनौती दी है। 8 मार्च के अपने जन्मदिन के उपलक्ष में वसुंधरा राजे दो दिवसीय धार्मिक यात्रा पर हैं। 7 मार्च को राजे भरतपुर जिले में पूंछरी का लोठा गांव में पहुंची। यहां आयोजित एक सभा में राजे ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जन्मदिन की बधाई देने के लिए प्रदेशभर से इतनी बड़ी संख्या में लोग कृष्ण जन्म भूमि क्षेत्र में एकत्रित हुए हैं। आप सब मेरे समर्थक नहीं बल्कि परिवार के सदस्य हैं। जब किसी का परिवार इतना बड़ा हो तो फिर उसकी जीत निश्चित है। अब मेरी यह यात्रा सफल है। जन्म दिन का समय कैसा भी हो, लेकिन मुझे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त है। राजे ने अपने राजनीतिक इरादे स्पष्ट करते हुए कहा कि हम फिर से राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाएंगे और विकास कार्यों को दोबारा से शुरू करेंगे। मैं जब मुख्यमंत्री थी, तब इस क्षेत्र के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। प्रदेश के 13 जिलों में पानी की समस्या के समाधान के लिए इस्र्टन केनल परियोजना शुरू की थी,लेकिन कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने मेरे द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों को ठप कर दिया। अब हम सब मिलकर राजस्थान को आगे बढ़ाएंगे। राजे ने जिस अंदाज में अपनी बात कही उससे साफ जाहिर था कि वे राजस्थान की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगी। भले ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर उन्हें राजस्थान की राजनीति से दूर रखा जा रहा हो, लेकिन राजे ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राजस्थान में ही रहेंगी। जन्म दिन के उपलक्ष में शक्ति प्रदर्शन का कोई गलत संदेश न जाए इस बात को ध्यान में रखते हुए राजे ने अपने संबोधन में कहा कि मैं उस राजमाता विजयराजे सिंधिया की बेटी हंू जिन्होंने पहले जनसंघ का दीपक जलाया और फिर भाजपा का कमल खिलाया। मैं कभी भी भाजपा के कमल को मुरझाने नहीं दूंगी। राजे ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार दो भागों में विभाजित है। राजे ने सभी समर्थकों से कहा कि अब वे दो दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्म भूमि पर ही मौजूद रहे और हम सब मिलकर भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। राजे ने समर्थकों से भोजन प्रसादी भी साथ करने की अपील की। तय कार्यक्रम के अनुसार राजे 7 मार्च को देर रात तक कृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र में बने गिरिराज जी, बद्रीधाम आदि मंदिरों की परिक्रमा और पूजा अर्चना करेंगी। 8 मार्च को सुबह 5 बजे मंदिर में ही अनुष्ठान करेंगी। राजे का 8 मार्च को सायं 5 बजे धौलपुर के राजमहल में पहुंचने का कार्यक्रम है। राजे धौलपुर राजघराने की ही महारानी हैं।

बड़ी संख्या में सांसद, विधायक मौजूद:

7 मार्च को राजे के स्वागत के लिए भाजपा के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, रामचरण बोहरा, दुष्यंत सिंह, विधायक अशोक लाहोटी, अभिषेक मटोरिया, प्रताप सिंह सिंघवी, रोहिताश शर्मा के साथ साथ पूर्व मंत्री जसवंत सिंह, यूनुस खान, राजपाल सिंह शेखावत, अशोक परनामी, हेम सिंह भडाणा, अजय क्लिक, अनिता गुर्जर, मनोज राजोरिया, भवानी सिंह शक्तावत, प्रह्लाद गुंजल आदि देखे गए। अजमेर के भाजपा विधायक अनिता भदेल, शंकर सिंह रावत, रामस्वरूप लाम्बा भी उपस्थित रहे। इसी प्रकार भाजपा के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रो. बीपी सारस्वत, भंवर सिंह पलाड़ा, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, चेतन चौधरी आदि भी उपस्थित रहे।

राजे का शक्ति प्रदर्शन:

जन्म दिन के उपलक्ष में अपने समर्थकों का जमावड़ा कर वसुंधरा राजे ने राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन किया है। असल में दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजे को प्रदेश की राजनीतिक से दूर रखा। लेकिन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी राजे ने भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में रुचि नहीं दिखाई। राजे इस बात का श्रेय तो ले रही हैं कि उनकी माता जी ने जनसंघ का दीपक जलाया और भाजपा का कमल खिलाया। लेकिन अब भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने जयपुर दौरे में राजे से कहा था कि वे जन्मदिन के उपलक्ष में शक्ति प्रदर्शन न करें। लेकिन इसके बावजूद भी भरतपुर में भीड़ जुटाने के लिए राजे के जयपुर स्थित सरकारी आवास से सांसदों विधायकों और बड़े नेताओं को फोन किए गए। इनमें वे नेता भी शामिल रहे जिन्होंने राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए फायदा उठाया। सूत्रों के अनुसार राजे की धार्मिक यात्रा पर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर लगी हुई है।

शेखावत की जेब कटी:

7 मार्च को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के जन्मदिन के उपलक्ष में आयोजित समारोह में अजमेर के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत की उपस्थित रहे। भीड़ के दौरान ही शेखावत की जेब कट गई। शेखावत ने बताया कि 23 हजार रुपए नगद और क्रेडिट कार्ड आदि चले गए हैं। उन्होंने कहा कि भीड़ इतनी जबरदस्त थी कि चोर का पता ही नहीं चला।

पूनिया ने सांवरिया सेठ और त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन किए:

7 मार्च को ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सांवरिया सेठ और बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन किए। पूनिया तय कार्यक्रम के अनुसार उदयपुर, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिले के दौरे पर हैं।

S.P.MITTAL BLOGGER (07-03-2021)

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