जलदाय मंत्री बीडी कल्ला के दौरे के बाद अजमेर में पेयजल का संकट और बढ़ा। वितरण व्यवस्था गड़बड़ाई। अजमेर में स्थायी एक्सईएन तक नहीं। अजमेर को प्यासा रखकर जयपुर को रोजाना पेयजल की सप्लाई।

प्रदेश के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने गत 11 जुलाई को अजमेर का दौरा किया था। गत विधानसभा चुनाव में उत्तर क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता ने भी कल्ला के समक्ष पेयजल की समस्या रखी थी। तब यह उम्मीद जताई गई कि अब वितरण व्यवस्था में सुधार होगा, लेकिन मंत्री के दौरे के बाद शहर में पेयजल संकट और बढ़ गया है। अजमेर में पहले ही दो और तीन या चार दिन में एक बार मात्र एक घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई हो रही है, लेकिन मंत्री के दौरे के बाद यह अंतराल और बढ़ गया है। जिन क्षेत्रों में दो दिन में सप्लाई थी, वहां तीन दिन में तथा जहां तीन दिन में सप्लाई थी, वहां चार दिन में होने लगी है। जलदाय विभाग के इंजीनियरों ने दर्शा दिया है कि मंत्री का दौरा कोई मायने नहीं रखता है। असल में इंजीनियर भी जलदाय विभाग के ढीले और लचर रवैये से वाकिफ है। पिछले तीन माह से अजमेर उत्तर क्षेत्र में स्थायी एक्सईएन की नियुक्ति ही नहीं हो रही है। काम चलाने के लिए एसई दफ्तर के टीए विष्णु प्रकाश शर्मा को नियुक्त कर रखा है। शर्मा कोई श्रम नहीं करना चाहते इसलिए इस क्षेत्र की सप्लाई भगवान भरोसे हैं। इसे इंजीनियरों की लापरवाही ही कहा जाएगा कि किसी क्षेत्र में 48 तथा किन्हीं क्षेत्रों में 72 घंटे के अंतराल में पेयजल की सप्लाई हो रही है। जयपुर को प्रतिदिन पानी देने के लिए बीसलपुर बांध से अजमेर की सप्लाई में कटौती की गई है। 140 एमएलडी पानी के स्थान पर 120 एमएलडी पानी ही अजमेर के लिए बांध से लिया जा रहा है। 140 एमएलडी पानी भी दो दिन की सप्लाई को बनाए रखने के लिए है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 120 एमएलडी पानी ही लिया जा रहा है, तब भीषण गर्मी में अजमेर के लोगों की क्या स्थिति होगी? अजमेर को प्यासा रख कर जयपुर को रोजाना पेयजल सप्लाई होने पर अजमेर के जनप्रतिनिधि खामोश है। हालांकि केकड़ी के विधायक रघु शर्मा प्रदेश के ताकतवर चिकित्सा मंत्री है, लेकिन अजमेर की पेयजल व्यवस्था को सुधारने में रघु भी कोई रुचि नहीं लेते हैं। सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी,अनिता भदेल, सुरेश रावत, रामस्वरूप लांबा और शंकर सिंह रावत विपक्ष में हैं, इसलिए भाजपा के इन जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं है। जलदाय विभाग के इंजीनियरों को भी राजनीतिक समीकरण पता है, इसलिए आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सप्लाई का समय इंजीनियरों की मर्जी पर निर्भर है। S.P.MITTAL BLOGGER (14-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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